उनकी गोल आंखों में हंसी के रंग के इतने शेड्स छुपे हुए हैं जिसको फिल्म जगत आज भी परत दर परत निकालने में व्यस्त हैं। हंसाने के अंदाज इतने दिलकश की मानों उदास चेहरे के लिए वो दवा हो। जॉनी लीवर का अंदाज बेहद ही निराला है। लगभग तीन सौ से ऊपर फिल्म करने वाले जॉनी लीवर ने वैसे तो 1981 में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत कर दी थी लेकिन सफलता की सीढ़ी चढ़ने में उन्हें छह साल और लग गए। ये महज इत्तेफाक था कि मशहूर कामेडियन जॉनी वॉकर के करियर में फिल्म प्यासा के गाने ‘सर जो तेरा चकराए’ से उनको जो शोहरत मिली थी कुछ वैसा ही जॉनी लीवर के साथ हुआ। 1978 में रिलीज हुई फिल्म जलवा जिसमें नसीरुद्दीन शाह एक जुदा अंदाज में नजए आए थे, जलवा ने जॉनी को एक नई पहचान दी थी और इस फिल्म में जॉनी ने एक दक्षिण भारतीय मालिश वाले की भूमिका अदा की थी। जॉन प्रकाश राव उर्फ जॉनी लीवर हिंदी सिनेमा में अपनी कॉमिक टाइमिंग के लिए प्रसिद्ध हैं। जॉनी लीवर भारत के पहले स्टैंड कॉमेडियन हैं। उन्हें अब तक 13 बार फिल्मफेयर अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
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