आप भूत और प्रेतों पर विश्वास करते हैं क्या,अगर नहीं तो यहां आपको जरूर विश्वास हो जाएगा। दअसल इस यमलोक के रास्ते पर जो गया वह वापस नहीं लौट सका। चोरटेन कांग नग्यी की एक स्तूप है, जिसे तिब्बती लोगों ने यह नाम दिया है। इसे यमलोक का दरवाजा कहा जाता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यहां अगर कोई भूल से भी रात को रुक जाता है, तो सुबह लौट के नहीं आता।
चीन के स्वायत्त क्षेत्र तिब्बत में दारचेन से 30 मिनट की दूरी पर यह जगह बसी हुई है, जो कैलाश जाने वाले मार्ग पर आती है। हिंदू मान्यता अनुसार इसे यमराज के घर का दरवाजा माना जाता है। आए दिन यहां अनहोनी घटनाएं होती रहती है, जिससे जुड़ा रहस्य अभी तक सुलझ नहीं पाया है। आज भी कई ऐसे रहस्य भी हैं, जिसे विज्ञान भी नहीं सुलझा पाया है।
भारत में ऐसे कई इलाके हैं जहां भूतों और प्रेतों की कहानियां प्रचलित है, वहां कई ऐसे रहस्य है जो कभी सुलझ नहीं सके।
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