राजसमंद। राजसमंद-भीलवाड़ा बॉर्डर स्थित मोखुंदा नगर में चल रहे नौ दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महा महोत्सव को लेकर कस्बे में भक्ति का माहौल बना हुआ है। जैन समाज सहित नगरवासियों में धर्म और आध्यात्म का रंग अपनी छटा बिखेर रहा है। सुबह छह बजे से ही नवनिर्मित जिनालय एवं गुणरत्नसूरिश्वर आराधना-भवन एवं उपाश्रय में भक्ताम्बर पाठ, प्रभातिया व दर्शन पूजन-वंदन की भीड़ लगी थी। [# यहां दीपक की लौ के रूप में आकर स्थापित हुईं मां चामुंडा] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
प्रतिष्ठा महोत्सव में पूज्य दीक्षा दानेश्वरी आचार्य गुणरत्नसूरिश्वर महाराज, आचार्य रश्मिरत्नसूरिश्वर, आचार्य पद्मभूषणरत्नसूरिश्वर, पंन्यास वैरागयरत्न विजय, भावि आचार्य निपुणरत्न विजय महाराज आदि की निश्रा में शनिवार को प्रवचन हुए। प्रवचन में आचार्य श्री गुणरत्नसूरिश्वर ने बताया कि जो इंसान धन से जितना करीब होता है, वह अंतर से गरीब होता है तथा जो इंसान अंतर से गरीब होता है और प्रभु के करीब होता है, वह अंतर से अमीर होता है। आचार्य रश्मिरत्नसूरिश्वर ने परमात्मा की भक्ति मुक्ति का मार्ग बताया।
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रश्मिरत्न सु्रश्वर मोखुंदा में चल रहे अंजनश्लाका प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान आचार्य विजय रश्मिरत्न सुरिश्वर ने कहा कि जैन धर्म ही नहीं आज पूरा विश्व चाहता कि जीव हत्या बंद हो। जैन धर्म अनादिकाल से कह रहा है जैसा अपना जीव है, वैसा हरेक का जीव होता है। जीव हत्या की चीत्कार से वातावरण में नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसका परिणाम सभी को भुगतना पड़ता है। भारत से दुनिया के अन्य देशों को किया जा रहा मांस निर्यात बंद होना चाहिए। कार्यक्रम में शिवलाल पोखरणा, प्रकाश चन्द पोखरणा, शान्तिलाल पोखरणा, पुखराज पोखरणा, डॉ. मनीष जैन, सुरेश पोखरणा, भैरूंलाल पीतलिया, बाबूलाल पीतलिया, भैरूंलाल गुगलिया, महेन्द्र पोखरणा सहित कई श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे।
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