देश में संगठन की बागडोर सँभालने के बाद पहली बार 21 अक्टूबर को जिलाध्यक्षों की मीटिंग बुलाई गई है।इन 2 दिनों की मीटिंग में अखिलेश के बिना ही सपा की चुनावी रणनीति बनेगी।सपा के इतिहास में यह पहली बार हुआ है।इसी दिन सपा के राजनितिक भविष्य की परीक्षा भी है।दरअसल सीएम अखिलेश पार्टी में दागियों और माफियाराज को कतई बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं।
आम चुनाव-2024 : राजस्थान में 12 सीटों पर कम हुआ मतदान, बीजेपी में बेचैनी बढ़ी, 25 में से 25 सीटें जीतना मुश्किल
अमित शाह आज राजस्थान और उत्तर प्रदेश में चुनावी रैली को करेंगे संबोधित
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