मेलबर्न। ऑस्ट्रेलिया में प्रवास के दौरान सिडनी, ब्रिसबेन और कैनबरा में सफल कार्यक्रमों के बाद, अखिल विश्व गायत्री परिवार के डॉ. चिन्मय पंड्या मेलबर्न पहुंचे। यहां, सुसंस्कारित नई पीढ़ी को आकार देने के उद्देश्य से चल रही बाल संस्कारशाला से जुड़े नन्हे बच्चों और उनके अभिभावकों का एक विशेष समागम आयोजित किया गया।
इस आयोजन में एक विशेष बात यह रही कि कई अभिभावकों ने बताया कि वे स्वयं अपने दादा-दादी या नाना-नानी के माध्यम से किसी न किसी रूप में गायत्री परिवार से पहले से जुड़े रहे हैं। यह ऋषियुग्म द्वारा दशकों पूर्व बोई गई विचार क्रांति के बीजों की फलती-फूलती फसल का प्रत्यक्ष प्रमाण था, जो ऑस्ट्रेलिया की धरती पर भी दिखाई दे रही है।
डॉ. चिन्मय पंड्या के समक्ष सभी अभिभावकों ने अपने हृदय के भावों को व्यक्त किया। उन्होंने परस्पर संवाद में अपनी भावनाओं को साझा किया और अपनी जिज्ञासाओं का समाधान पाया।
अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा संचालित बाल संस्कारशालाओं के माध्यम से बच्चों में आए सकारात्मक परिवर्तनों को देखकर सभी अत्यंत प्रभावित हुए। सभी ने बाल संस्कारशालाओं को अधिक से अधिक क्षेत्रों में विस्तारित करने का संकल्प लिया ताकि और भी बच्चे लाभान्वित हो सकें।
नन्हे बच्चों ने आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या से अपार स्नेह प्राप्त किया, और इन सुखद दृश्यों को देखकर अभिभावकों का हृदय कृतज्ञता से भर गया।
सभी अभिभावकों ने शांतिकुंज (हरिद्वार) आने की इच्छा व्यक्त की और अखिल विश्व गायत्री परिवार जैसे विश्व स्तरीय और प्रामाणिक संगठन से किसी भी रूप में जुड़ने को अपने जीवन का परम सौभाग्य बताया। इस समागम ने मेलबर्न में भारतीय संस्कृति और संस्कारों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के महत्व को रेखांकित किया।
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