सवाई माधोपुर। जिला उप कारागृह की महिला जेल प्रहरी के साथ 11 मई को
हुई मारपीट और निलंबन का मामला गर्मा गया है। घटना के मामले में आज मीना समाज सहित अन्य समाज के लोग हुए
लामबंद वही पीड़िता धन बाई को न्याय दिलाने पर की महावीर पार्क में चर्चा
जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देने पहुंचे सभी आदिवासी दलित
समाज के लोग। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
घटना के अनुसार महिला जेल प्रहरी धनबाई मीणा 11मई को अगले दिन लगाए
जाने वाली स्टाफ रजिस्टर में अपनी ड्यूटी देख रही थी। इस दौरान धनबाई
मीणा का साथी जेल प्रहरी मुकेश गुर्जर अचानक आकर धनबाई से रजिस्टर छीनते
हुए उसके साथ अभद्रता करने लगा। उसने जेलर जगदीश शर्मा के
समक्ष अपने आप को समर्पित करने की बात कही। पीड़िता
का आरोप है कि मुकेश गुर्जर ने मुझे ड्यूटी नहीं करने के एवज में जेलर के
समक्ष अपने आप को समर्पित करते हुए और उसके साथ अय्याशी करने के लिए कहा। इस बात का विरोध पीड़िता ने किया तो मुकेश गुर्जर ने धनबाई के गाल पर चांटा जड़ दिया। अन्य जेल
प्रहरी घटना स्थल पर पहुंचे और बीच बचाव किया लेकिन मुकेश गुर्जर उसके
साथ गंभीर मारपीट कर चुका था । जिसका मुकदमा दर्ज कराने जब पीड़िता महिला
थाने पहुंची तो महिला थाना अधिकारी ने पीड़िता को ही मेडिकल कराने भेजा और घटना के 12 घंटे बाद मुकदमा दर्ज नहीं किया। थानाधिकारी ने समझौते के लिए दबाव डाला।
आरोपी मुकेश गुर्जर
और कार्यवाहक जेलर जगदीश शर्मा ने घटना के तत्काल बाद ही ऑफिस के फोन से
ही मानटाउन थाने में मुकदमा दर्ज कराया जिस पर तुरंत कार्यवाही करते हुए
मांडल थाना पुलिस ने पीड़िता को घटनास्थल पर बचाने वाले
विजेंद्र सिंह मीणा जेल प्रहरी और पृथ्वीराज जेल प्रहरी को करीब 5 घंटे तक
थाने में बैठाए रखा। ऐसे में इन दोनों जेल प्रहरी
सिपाहियों को महिला को बचाना भी भारी पड़ गया।
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