जयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जिला कलेक्टरों का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य सरकार गरीबों, पिछड़ों, ग्रामीणों, महिलाओं, युवाओं सहित समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं पर राजकोष की बड़ी धनराशि खर्च की जा रही है। जिला कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि जनता की गाढ़ी कमाई की एक-एक पाई का सदुपयोग जनहित में हो। राजे गुरुवार को कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन पहले सत्र में विभिन्न विभागों के प्रस्तुतीकरण के दौरान जिला कलेक्टरों को संबोधित कर रही थीं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आरयूआईडीपी के कामों को जल्द पूरा करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि आरयूआईडीपी के वरिष्ठ अधिकारी जिलों में जाकर प्रभारी मंत्री, जिला कलेक्टर, संबंधित फर्म और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करें और आरयूआईडीपी के द्वितीय एवं तृतीय चरण के कार्यों को जल्द पूरा करने की ठोस कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने आरयूआईडीपी के तहत किए जा रहे पेयजल, सीवरेज, ड्रेनेज आदि कार्यों तथा स्मार्ट सिटी एवं अमृत मिशन की प्रगति पर निगाह रखने के निर्देश देते हुए कहा कि कलेक्टर शहरों को पॉलीथिन मुक्त एवं खुले में शौचमुक्त बनाने पर भी पूरा फोकस करें। राजे ने प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मुख्यमंत्री जन आवास योजना के लक्ष्यों को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कच्ची बस्तियों के परिवारों को शिफ्ट करने के लिए बनाए गए आवासों के खाली रहने पर चिंता जताई और कहा कि कच्ची बस्तियों के पुनर्वास में तेजी लाएं, ताकि इन परिवारों के लिए बनाए गए आवास अनुपयोगी नहीं रहें।
छात्रावासों की हो नियमित जांच
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिला कलेक्टर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित आवासीय छात्रावासों का नियमित निरीक्षण करें। इन छात्रावासों में समाज के उन तबकों के बच्चे रहते हैं, जिन्हें सरकार की मदद की जरूरत है। इनके नियमित निरीक्षण से जहां वस्तुस्थिति की जानकारी होगी वहीं व्यवस्थाओं में भी सुधार आएगा।
तीन जिलों से शुरू होगी मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना
कॉन्फ्रेंस के दौरान कृषि विभाग के प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि प्रदेश के किसान गुणवत्तायुक्त बीज का उत्पादन अपने ही खेत में कर सकें, इसके लिए कोटा, भीलवाड़ा और उदयपुर के कृषि खंडों में मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की जा रही है। मुख्यमंत्री ने अधिक से अधिक किसानों को इस योजना से जोडऩे के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों को खाद-बीज, कीटनाशक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इनकी आवश्यकता का अभी से आकलन कर लें, ताकि किसान मानसून का लाभ उठा सकें। राजे ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का पूरा दाम मिले इसके लिए जिला कलेक्टर ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) पोर्टल को लोकप्रिय बनाएं।
57 लाख पेंशनरों के बैंक खातों में सामाजिक सुरक्षा पेंशन
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि राजस्थान देश का ऐसा राज्य है, जहां 57 लाख से अधिक लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन उनके बैंक खातों के जरिये दी जा रही है। वर्ष 2013-14 में प्रदेश में मात्र 4 लाख लोगों की पेंशन उनके खातों में जमा होती थी। जल्द ही शत-प्रतिशत लाभार्थियों की पेंशन उनके बैंक अकाउंट के माध्यम से दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए कि वे पेंशनधारकों के वेरीफिकेशन का काम जल्द पूरा करें, ताकि जरूरतमंदों को उनका वाजिब हक जल्द मिल सके।
पंचायतों के बाहर लगाएं फंड आवंटन के बोर्ड
राजे ने जिला कलेक्टरों से कहा कि ग्राम पंचायतों के बाहर बोर्ड लगवाकर उस पंचायत को आवंटित किए गए फंड की जानकारी बोर्ड पर लिखवाएं। इससे ग्रामीणों को उनकी पंचायत के विकास के लिए सरकार द्वारा आवंटित फंड की जानकारी हो सकेगी और ग्रामीण विकास के कार्यों में पारदर्शिता भी आएगी। सरकार पंचायतों को विकास के लिए बड़ा बजट देती है, जिसके बारे में जानना ग्रामीणों का अधिकार है। उन्होंने कहा कि फंड आवंटन के साथ-साथ ग्रामीण विकास और पंचायतीराज से जुड़ी योजनाओं की जानकारी डिस्प्ले करने के लिए शीघ्र ही पंचायतों पर इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएंगे। राजे ने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि वे ग्रामीण आवास योजनाओं के तहत लाभार्थियों को दी जाने वाली किस्तों का सदुपयोग सुनिश्चित करें तथा मौके पर जाकर औचक निरीक्षण भी करें।
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