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शिविर बना संबल का साधन, जरूरतमंदों को मिली राहत की सौगात
khaskhabar.com: बुधवार, 25 जून 2025 7:30 PM
दौसा। ज़िले में पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय संबल पखवाड़ा के अंतर्गत बुधवार को आयोजित जनकल्याण शिविर ज़रूरतमंदों के लिए उम्मीद की किरण बनकर आया। इस शिविर ने न केवल योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचाया, बल्कि कई जिंदगियों में संबल और सम्मान का संचार किया।
सिकराय की ब्राह्मण बैराड़ा ग्राम पंचायत में आयोजित शिविर में तोफ़ली देवी (बिन्दरवाड़ा) और पार्वती देवी (गोल्या) की वर्षों पुरानी समस्या का समाधान हुआ। दोनों वृद्ध महिलाएं कई बार भौतिक सत्यापन करवाने का प्रयास कर चुकी थीं, लेकिन आंखों की रोशनी कम होने और अंगुलियों के निशान स्पष्ट न होने के कारण सत्यापन नहीं हो पा रहा था। शिविर में पंचायत समिति विकास अधिकारी ने मौके पर दस्तावेज जांचकर ही भौतिक सत्यापन करा दिया और विधवा पेंशन चालू करवा दी। वर्षों से तंगी झेल रही इन महिलाओं के चेहरे पर अब राहत की मुस्कान है। उन्होंने कहा –“अब हम भी सरकारी योजना से जुड़ गईं, बुढ़ापे में सहारा मिल गया।”
कमोद सिंह को मिला आवासीय अधिकार
उदयपुरा पंचायत में कमोद सिंह को वर्षों पुराने पेतृक मकान पर आवासीय पट्टा मिला। बिना पट्टे के वे बैंक से होम लोन लेने में अक्षम थे, जिससे मकान की मरम्मत तक नहीं हो पा रही थी। अब पट्टा मिलने से न केवल उन्हें सस्ती ब्याज दर पर लोन मिलेगा, बल्कि वे अपने घर का नवीनीकरण भी कर पाएंगे। उन्होंने सरकार का आभार जताया और कहा –
“पट्टा सिर्फ कागज नहीं, यह हमारी जिंदगी में आत्मनिर्भरता की मुहर है।”
मीठालाल रैगर को मिला मकान पर अधिकार
कुशलपुरा पंचायत के मीठालाल रैगर को स्वामित्व योजना के तहत उनका पुश्तैनी मकान अब कानूनी रूप से उनका हो गया। पहले वे स्वामित्व प्रमाण के अभाव में सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित थे। अब उन्हें प्रॉपर्टी पार्सल और पट्टा मिल गया है। इससे उन्हें भविष्य में होम लोन लेने और स्वामित्व के अधिकार मिलने का मार्ग खुला।
भीमसिंह को मिला मृदा स्वास्थ्य कार्ड
खौंचपुरी ग्राम पंचायत के भीमसिंह को कृषि विभाग द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड मिला, जिससे वे अब उर्वरक का वैज्ञानिक इस्तेमाल कर उपज बढ़ा पाएंगे। उन्होंने बताया कि मिट्टी की जांच से अब उर्वरकों की बर्बादी रुकेगी और लागत भी कम होगी।
लाली देवी को मिला प्रधानमंत्री आवास का तोहफा
पालून्दा ग्राम पंचायत की लाली देवी मीना को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत डिजिटल गृह प्रवेश मिला। अब उनका सपना पूरा हो गया है—अपना घर, अपने नाम।
ये शिविर योजनाओं को केवल आंकड़ों में नहीं, बल्कि मानव जीवन के बदलाव के रूप में बदल रहे हैं। हर पट्टा, हर कार्ड, हर पेंशन—किसी के लिए छत, किसी के लिए सम्मान और किसी के लिए जीने की नई ऊर्जा बन रहा है।
अन्त्योदय पखवाड़ा वास्तव में उन लोगों तक योजनाओं को पहुंचाने की पहल है, जो अब तक वंचित रह गए थे। "सरकार जब आमजन के द्वार पर आती है, तब 'शासन' नहीं, 'संवेदनाएं' बोलती हैं।"
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