चंडीगढ़। कांग्रेस पार्टी ने चंडीगढ़ नगर निगम (कार्य संचालन एवं संचालन) विनियम, 1996 के विनियम 6(6-16) में संशोधन के प्रस्ताव को प्रशासक द्वारा मंजूरी दिए बिना मेयर चुनाव की अधिसूचना जारी करने पर कड़ी आपत्ति जताई है। कांग्रेस ने कहा कि इस फैसले से चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता की अनदेखी की गई है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजीव शर्मा ने बताया कि अक्टूबर 2024 में सदन ने मेयर चुनाव में गुप्त मतदान की जगह हाथ उठाकर खुले तौर पर मतदान कराने का प्रस्ताव पारित किया था, जिसे भाजपा ने विरोध किया था। इस प्रस्ताव का उद्देश्य चुनावों को स्वच्छ और ईमानदार बनाना था, जिसे चंडीगढ़ के लोगों ने सराहा था। हालांकि, भाजपा के दबाव के चलते प्रशासन ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देने में देरी की, जिससे चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठे हैं।
राजीव शर्मा ने कहा कि भाजपा अपने मेयर पद के उम्मीदवार के चयन में आंतरिक समस्याओं का सामना कर रही है और इस कारण पार्टी चुनावों में गड़बड़ियों और खरीद-फरोख्त के प्रयास कर रही है, जैसा कि पिछले चुनावों के दौरान देखा गया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासक ने प्रस्ताव को मंजूरी न देकर भाजपा को अप्रत्यक्ष रूप से चुनावी गड़बड़ियों में मदद की है।
कांग्रेस ने विश्वास जताया कि आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के तहत, कांग्रेस-आप गठबंधन के तीनों उम्मीदवार मेयर पद के चुनाव में आसानी से जीत हासिल करेंगे।
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