किसी भी भवन के लिए द्वार अर्थात दरवाजे का विशेष महत्व
होता है। सही दिशा में बना हुआ द्वार उस भवन में रहने वालों के लिए शुभ
प्रभाव देता है, वहीं अशुभ दिशा में और द्वार दोष वाले भवन में रहने वाले
कई तरह की समस्याओं से जूझते रहते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वास्तु शास्त्र
के अनुसार द्वार भेद वाले भवन आर्थिक और मानसिक कष्ट का कारण होते हैं।
द्वार के सामने किसी प्रकार की कोई बाधा का होना द्वार भेद कहलाता है।
कहते हैं कि पूर्व दिशा की ओर स्थित द्वार को दोष रहित माना गया है फिर भी
अगर भवन में अन्य कोई वास्तु दोष है तो ऐसे भवन में निवास करने वाला
व्यक्ति क़र्ज़ में डूब सकता है। इसके समाधान के लिए भवन के द्वार के मध्य
में शुक्ल पक्ष के सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना करके एक पंचमुखी
रुद्राक्ष लटका देना चाहिए तथा नियमित रूप से उस रुद्राक्ष और भगवान शिव
की आराधना करनी चाहिए।सपने में दिखें ये जानवर तो समझिए......
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