पितृ पक्ष की शुरूआत
भाद्रपद पूर्णिमा शुक्रवार 29 सितम्बर से हो रही है। इसका समापन 14 अक्टूबर को
होगा। इस बार पितृ पक्ष प्रतिपदा तिथि घटने 16 दिन के स्थान पर 15 दिन का ही
रहेगा।
पितृ
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प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ: 29
सितम्बर को 03:28 दोपहर बाद से प्रतिपदा शुरू होगी। 30 सितम्बर को दोपहर 12:22 बजे
तक रहेगी। इसी दिन दोपहर 12:22 के बाद दोज का श्राद्ध निकाला जाएगा।
शुक्रवार, 29 सितंबर को भाद्रपद की
पूर्णिमा है और इस
दिन ये महीना खत्म
हो जाएगा। शुक्रवार को पूर्णिमा पर
श्राद्ध किया जाएगा। इसके
बाद 30 सितंबर यानी आश्विन मास
के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा
से पितृ पक्ष शुरू
होगा। भादौ पूर्णिमा पर
विष्णु-लक्ष्मी की पूजा के
साथ ही पितरों के
लिए धूप-ध्यान और
दान-पुण्य जरूर करें। श्राद्ध
कर्म पितरों के निहित किए
जाते हैं ताकि उन्हें
तृप्ति मिल सकें। भाद्र
शुक्ल पूर्णिमा का धार्मिक दृष्टि
से बड़ा ही महत्व
है। इस दिन अगस्त
मुनि सहित ऋषियों के
नाम से तर्पण किया
जाता है और उन्हें
जल दिया जाता है।
श्राद्धपक्ष में पिंडदान, तर्पण
या पितृपूजा करने का एक
निश्चित समय नियुक्त
है। इस समय में
ही पितृलोक से पितृ धरती
पर पधारते हैं जिसके चलते
श्राद्ध कर्म का यह
श्रेष्ठ समय होता है।
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