भारतीय संस्कृति में प्रत्येक धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम
में दीपक प्रज्वलित करने की परंपरा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दीपक प्रज्वलित क्यों किया जाता है। ऎसी मान्यता है कि अग्निदेव को साक्षी
मानकर जो भी कार्य किए जाते हैं वे अवश्य सफल होते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गौरतलब है कि हमारे शरीर की रचना के सहायक तत्वों में एक अग्नि तत्व भी
है। अग्नि को पृथ्वी पर सूर्य का परिवर्तित रूप माना जाता है। इस कारणर
किसी भी देवी देवता की पूजा करते समय ऊर्जा को केंद्रीभूत करने के लिए
दीपक प्रज्वलित किया जाता है।
इसके पीछे दूसरी मान्यता यह है कि प्रकाश ज्ञान का प्रतीक है। परमात्मा
प्रकाश और ज्ञान रूप सब जगह व्याप्त है। ज्ञान प्राप्त करने से अज्ञानरूपी
मनोविकार दूर होते हैं और सांसारिक शूल मिटते हैं। इस कारण प्रकाश की पूजा
को ही परमात्मा की पूजा माना जाता है। मंदिर में आरती करते समय दीपक
जलाने के पीछे यही उद्देश्य बताया गया है कि प्रभू हमारे मन के अज्ञानरूपी
अंधकार को दूर करके ज्ञानरूपी प्रकाश फैलाएं।
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