कैसे रखें व्रत... ये भी पढ़ें - झूठ बोलने से नहीं मिलेगा इन कार्यो का फल
इस दिन संतान की कामना के लिए महिलाएं कोजागरी व्रत रखती हैं। शरद पूर्णिमा के व्रत में व्रती को अपने इष्ट
देव का पूजन करना चाहिए। व्रत में पूरी सात्विकता बरतनी चाहिए। यानि व्रत
में तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।
व्रत-पूजन में इन्द्र देव और माता
लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। पूजन सामग्री में धूप, दीप, नैवेद्य (खीर)
इत्यादि को शामिल करना अच्छा माना गया है। पूजन के बाद ब्राह्मण भोजन कराना
चाहिए। इसके बाद ब्राह्मण को यथा शक्ति दक्षिणा देनी चाहिए। लक्ष्मी जी का
आशीर्वाद पाने के लिए इस पूर्णिमा पर रात्रि जागरण का विशेष महत्व है।
इसलिए व्रती को चाहिए कि पूर्णिमा की रात्रि में जागरण करे। व्रती को
चन्द्र को अर्घ्य देने के बाद ही अन्न ग्रहण करना चाहिए।
शरद पूर्णिमा मुहूर्त...
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