फरवरी 5, 2023 माघ मास का आखिरी दिन है। आज पूर्णिमा है जिसे माघी पूर्णिमा कहते हैं। माघी पूर्णिमा पर पवित्र नदियों और तीर्थ में स्नान करने की परम्परा है। इसके बाद सूर्य को जल चढ़ाने, फिर भगवान विष्णु की पूजा और पितरों की तृप्ति के लिए श्राद्ध करने का विधान ग्रंथों में बताया गया है। पूजा-पाठ के साथ दिनभर व्रत और जरुरतमंद लोगों को दान दिया जाता है। माघ महीने की पूर्णिमा पर सफेद और गरम कपड़े, तिल, घी, नमक, गुड़, भोजन, कपास और चांदी का दान करना चाहिए। दिनभर व्रत रखते हुए सिर्फ फल खाएं और दूध पी सकते हैं। इस दिन सफेद कपड़े पहनकर पूजा-पाठ करनी चाहिए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पूर्णिमा पर सुबह पानी में तिल डालकर नहाएं। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने का संकल्प लेना चाहिए। फिर तुलसी और पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं। पीपल की पूजा करें। घी का दीपक लगाकर परिक्रमा करें। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें। घर पर पूजा न कर पाएं तो मंदिर जाकर दर्शन ही कर सकते हैं। इस पर्व पर किसी ब्राह्मण को घर बुलाकर सत्यनारायण कथा करवाएं। ब्राह्मण भोजन करवाएं और जरुरतमंद लोगों को दान दें।
माघ महीने की पूर्णिमा पर पितरों के लिए श्राद्ध करने का विधान ग्रंथों में बताया गया है। इस दिन पितरों की तृप्ति के लिए उगते सूरज को अघ्र्य दिया जाता है। पानी में दूध, गंगाजल और तिल मिलाकर पीपल के पेड़ पर चढ़ाना चाहिए। दोपहर में जौ, तिल और चावल से पितरों के लिए श्राद्ध करना चाहिए। इसके बाद गाय, कुत्ते और कौवे के लिए खाना निकालें। फिर ब्राह्मण भोजन करवाएं। ऐसा करने से पितरों को तृप्ति मिलती है। पितरों के लिए जल, अन्न, भूमि, कपड़े और भोजन का दान करने का विधान है।
इन वास्तु उपायों से पायी जा सकती है मनचाही नौकरी
आज का राशिफल: कैसा बीतेगा 23.03.2023 का दिन
वास्तुशास्त्र: दक्षिण मुखी स्थलों का प्रभाव
Daily Horoscope