नई दिल्ली। रैपर हार्ड कौर का कहना है कि बचपन से उन्होंने बहुत-सारी नकारात्मकता का सामना किया है और उन्हें अधिक संघर्ष इसलिए करना पड़ा, क्योंकि वह एक लडक़ी थीं, वह भी भारतीय लडक़ी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हार्ड कौर लेवाइस के ‘आईशेपमाईवल्र्ड’ मूवमेंट के चौथे संस्करण का हिस्सा हैं, जिसमें उन महिलाओं को सामने लाया जाता है, जिन्होंने अपनी शर्तों पर अपनी जिंदकी को आकार दिया है।
वीडियो में कौर को अपनी कहानी बयां करते हुए देखा जा सकता है कि उन्हें रैप की दुनिया में अपना रास्ता बनाने के लिए कितना संघर्ष कराना पड़ा था, और ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वह लडक़ी थीं।
इस बारे में पूछे जाने पर कौर ने एक ईमेल के जरिए आईएएनएस को बताया, ‘‘मुझे अधिक संघर्ष इसलिए करना पड़ा, क्योंकि मैं लडक़ी थी, वह भी एक भारतीय लडक़ी। लोगों को भरोसा नहीं हो पाता था कि मैं एक रैपर बन सकती हूं और मुझे खुद को बार-बार साबित करने के लिए कहा गया, सिर्फ इसलिए, क्योंकि यह एक पुरुष प्रधान उद्योग था।’’
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