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इस नदी में बहता है सोना, अबतक नहीं सुलझा रहस्य

River of Gold, Swarnrekha River Mystery - Weird Stories in Hindi

नई दिल्ली। भले ही देश में आज सोना 25 से 30 हजार रुपए प्रति दस ग्राम बिक रहा है लेकिन देश में एक ऐसी नदी है जिसकी रेत से सैकडों साल से सोना निकाला जा रहा है। हालांकि, आजतक रेत में सोने के कण मिलने की सही वजह का पता नहीं लग पाया है। भूवैज्ञानिकों का मानना है कि नदी तमाम चट्टानों से होकर गुजरती है। इसी दौरान घर्षण की वजह से सोने के कण इसमें घुल जाते हैं। बता दें कि ये नदी देश के झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ इलाकों में बहती है। नदी का नाम स्वर्ण रेखा है।
कहीं-कही इसे सुबर्ण रेखा के नाम से भी पुकारते हैं। इस नदी में से आदिवासी सोने के कण एकत्र करते हैं और उसे वहां के स्थानीय व्यापारी मिट्टी के दामों में खरीद लेते हैं। झारखंड के छोटा नागपुर क्षेत्र में आदिवासी लोगों का एक स्थान है रत्नगर्भा। इस क्षेत्र में स्वर्ण रेखा नदी बहती है जिसका विशेष महत्व है। यहां के आदिवासी इसे नंदा भी कहते हैं। नदी का उद्गम रांची से करीब 16 किमी दूर है और इसकी कुल लंबाई 474 किमी है।
सोने के कणों के लिये विख्यात होने के कारण इस नदी का नाम स्वर्ण रेखा नदी पडा है। हैरतअंगेज बात यह है कि स्वर्ण रेखा नदी में जो सोने के कण मिल रहे हैं उसके बारे में राज्य और केन्द्र सरकार दोनों की निगाहें फेरी हुई है। कोई भी सरकारी मशीनरी यह मालूम नहीं कर सकी कि इस नदी के रेत में पानी के साथ मिलकर बहने वाले सोने के कण कहां से निकलना प्रारंभ होते हैं। आज तक यह रहस्य सुलझ नहीं पाया कि इन दोनों नदियों में आखिर कहां से सोने का कण आता है। दरअसल स्वर्ण रेखा और उसकी एक सहायक नदी ‘करकरी’ की रेत में सोने के कण पाए जाते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि स्वर्ण रेखा में सोने का कण, करकरी नदी से ही बहकर पहुंचता है। वैसे बता दें कि करकरी नदी की लंबाई केवल 37 किमी है।
यह एक छोटी नदी है। इस काम में कई परिवारों की पीढियां लगी हुई हैं। झारखंड में तमाड और सारंडा जैसी जगहों पर नदी के पानी में स्थानीय आदिवासी, रेत को छानकर सोने के कण इक_ा करने का काम करते हैं। यहां के आदिवासी परिवारों के कई सदस्य, पानी में रेत छानकर दिनभर सोने के कण निकालने का काम करते हैं। आमतौर पर एक व्यक्ति, दिनभर काम करने के बाद सोने के एक या दो कण निकाल पाता है। एक व्यक्ति माह भर में 60-80 सोने के कण निकाल पाता है। हालांकि कभी-कभी यह संख्या 30 से कम भी हो सकती है। ये कण चावल के दाने या उससे थोडे बडे होते हैं। रेत से सोने के कण छानने का काम सालभर होता है।
सिर्फ बाढ के दौरान दो माह तक काम बंद हो जाता है। रेत से सोना निकालने वालों को एक कण के बदले 80-100 रुपए मिलते हैं। एक आदमी सोने के कण बेचकर महीने भर में 5 से 8 हजार रुपए कमा लेता है। हालांकि बाजार में इस एक कण की कीमत करीब 500 रुपए या उससे ज्यादा है। स्थानीय दलाल और सुनार, सोना निकालने वाले लोगों से ये कण खरीदते हैं। कहते हैं कि यहां के आदिवासी परिवारों से सोने के कण खरीदने वाले दलाल और सुनार इस कारोबार से करोडपति बन गए है। इस नदी के आसपास के क्षेत्रों में पाई जाने वाली लाल मोंरंग मिट्टी में भी सोने के कण पाए जाते हैं।

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Web Title-River of Gold, Swarnrekha River Mystery
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