चेन्नई। तमिलनाडु में सियासी उठापटक के बीच एआईएडीएमके की अंतरिम महासचिव
वीके शशिकला ने शुक्रवार को पार्टी प्रेसिडियम चेयरमैन (अध्यक्ष मंडल
प्रमुख) ई मधुसूदनन को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया।
इससे कुछ घंटे पहले मधुसूदनन ने ऎलान किया था कि उन्होंने चुनाव आयोग को
मेमोरैंडम सौंपकर शशिकला के महासचिव चुने जाने को अमान्य घोषित करने की
गुजारिश की है।
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मधुसूदनन के ऎलान के कुछ ही घंटों बाद शशिकला ने बयान जारी कर उनके
निष्कासन का ऎलान किया। शशिकला ने अपने बयान में कहा, मधुसूदनन ने पार्टी
के सिद्धांतों का उल्लंघन किया है और पार्टी की प्रतिष्ठा को धूमिल किया
है। उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हटाया जा चुका है। उनकी जगह पर
पूर्व मंत्री और विधायक केए सेनगोट्टैयन को अध्यक्ष मंडल प्रमुख बनाया गया
है।
पन्नीरसेल्वम ने एक बार फिर दोहराया है कि सब कुछ अच्छा होगा और आखिरकार
धर्म की जीत होगी। उन्होंने कहा कि पार्टी को हाइजैक करने की कोशिशों को
कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। चेन्नई में दिनभर ऎसी चर्चाएं चलती रहीं कि शशिकला के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में सुप्रीम कोर्ट
का फैसला लंबित होने की वजह से राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने के लिए न
बुलाने का फैसला किया है। उन्होंने गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। हालांकि टीवी खबरों के अनुसार केंद्र ने रिपोर्ट मिजने से इंकार किया है।
शशिकला ने कार्यकर्ताओं से मधुसूदनन से दूरी बनाने की गुजारिश की है। दूसरी
तरफ अपने निष्कासन पर मधुसूदनन ने कहा, वह मुझे बर्खास्त नहीं कर सकती
क्योंकि मैंने पहले ही उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर दिया है। उन्होंने
कहा, हमारे संस्थापक एमजी रामचंद्रन द्वारा तय किए गए नियमों को तहत पार्टी
कार्यकर्ताओं द्वारा ही कोई शख्स पार्टी महासचिव चुना जा सकता है। इसे
देखते हुए शशिकला का चुनाव अमान्य है इसलिए वह पार्टी महासचिव नहीं हैं।
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