जयपुर। आरटीओ के इंस्पेक्टर दलालों के जरिए 350 ट्रक चालकों व ट्रांसपोर्ट कंपनी के संचालकों से ओवरलोड वाहन चलाने के लिए 15 लाख रुपए से ज्यादा की वसूली करते थे। आरोपी इंस्पेक्टर यह राशि परिवहन विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुंचाते थे और खुद भी ट्रांसपोर्ट कंपनी में निवेश करते थे। यह खुलासा आरोपी इंस्पेक्टर मदन मोहन शर्मा व दलाल सुरेश चौधरी के पास मिली पर्चियों व डायरी से हुआ है। एसीबी ने शुक्रवार को प्रारंभिक जांच के बाद मदन मोहन, हितेश और सुरेश को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि आरोपी इंस्पेक्टर मुकेश डाड, रामखिलाड़ी व रिटायर्ड इंस्पेक्टर वीरेंद्र अग्रवाल फरार हैं। सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। एसीबी ने तीन दलालों के खिलाफ भी एक अलग मामला दर्ज किया है। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि परिवहन विभाग के कई अफसरों के भी ओवरलोड वाहन चलते हैं, जिनकी सार-संभाल वीरेंद्र अग्रवाल करता है और वही अधिकारियों की वसूली की राशि को निवेश करता है। हालांकि एसीबी ने जांच का बहाना बनाकर ऐसे अफसर-कर्मचारियों के नाम बताने से इनकार कर दिया है। एसीबी विभाग के उच्च अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रहा है। एसीबी को आरटीओ के इंस्पेक्टरों द्वारा दलालों के माध्यम से ओवरलोड वाहन चालकों से वसूली करने की शिकायत मिली थी। एक माह पहले एसीबी ने तीन इंस्पेक्टरों व तीन दलालों के फोन सर्विलांस पर लेकर 750 से ज्यादा कॉल टैप किए। रिकार्डिंग सुनने के बाद एसीबी ने गुरुवार को श्याम नगर, चित्रकूट नगर, सिरसी रोड व भीलवाड़ा में तीन इंस्पेक्टरों के घर दबिश दी, जहां 24 लाख रुपए से ज्यादा मिले थे। इनके अलावा एसीबी ने दलाल भंवर लाल कुमावत ओर सुरेन्द्र यादव की भूमिका संदिग्ध होने पर दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। पड़ताल में सामने आया कि विभाग के इंस्पेक्टर दलालों के माध्यम से ट्रांसपोर्ट कंपनियों के संचालकों व भारी वाहन चालकों से मंथली 2000 रुपए से 4000 रुपए वसूल करते थे। यह राशि दलाल ट्रक के राउंड के आधार पर वसूल करते थे। न देने वाले का चालान बना देते थे। आरोपी दलाल सुरेश चौधरी इंस्पेक्टर मदन मोहन शर्मा को ट्रक चालकों से वसूले गए रुपए देने आता था। वीरेंद्र अग्रवाल आरटीओ में इंस्पेक्टर था। 15 साल की सर्विस के बाद दो साल पहले वीआरएस लेकर खुद की ट्रांसपोर्ट कंपनी शुरू कर दी। वह विभाग के इंस्पेक्टरों के लिए दलालों के माध्यम से वसूली करने लगा। उनके हिस्से में आने वाली राशि से ट्रक व ट्रोले खरीदकर व्यवसाय शुरू कर दिया। विभाग के इंस्पेक्टरों को मंथली के साथ वीरेंद्र व्यवसाय की राशि का हिस्सा भी देता था। एसीबी टीम ने फरार आरोपी इंस्पेक्टर मुकेश डाड के घर की मंगलवार को तलाशी ली थी, जहां 8.30 लाख रुपए कैश और करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज मिले। एसीबी ने दलाल सुरेन्द्र यादव व भंवरलाल कुमावत, इंस्पेक्टर रूपेश कुमार, संजय मंडोरा के खिलाफ भी केस दर्ज किया है। आरोपी भंवर कुमावत के हीरापुरा स्थित ढाबे की तलाशी में कुमावत द्वारा ओवरलोड वाहन चालकों से इंस्पेक्टरों के लिए वसूले गए 2 लाख रुपए से ज्यादा मिले।
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