भीलवाड़ा। उच्च शिक्षा में अग्रणी रहने के बावजूद कारपॉरेट जगत की नौकरी का मोह छोड़ कर खेती-किसानी को अपनाने वाली रीना तंवर के खेत इन दिनों सबके लिए आकर्षण का केन्द्र बन हुए हैं। रीना ने 4 साल पहले सरकार की मदद से पॉली हाउस के माध्यम से खेती का काम शुरू किया। करीब 4 हजार स्क्वायर फीट में अधिक से अधिक खीरा व ककड़ी का उत्पादन कर नई मिसाल पेश की। भीलवाड़ा शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर रीना तंवर के खेत पर आज 4-4 बीघा के दो पॉली हाउस खड़े हैं। आधुनिक तकनीक से तालमेल बिठाकर खेती के क्षेत्र में भाग्य आजमाने वाली मेवाड़ अंचल की पहली महिला किसान आज समाज के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गई है। रीना तंवर ने कहा कि मैने एमबीए की पढ़ाई कर किसानों को आगे बढ़ाने के लिए कई कम्पनियों में नौकरी की। प्रगतिशील किसानों को दूसरे राज्य में ले जाकर खेती में नवाचार बढ़ाने की योजनाओं को जाना। तब मैंने भी नौकरी छोड़ आधुनिक तकनीक से खेती करने का निर्णय किया। इसके लिए मैंने अपने पति महेन्द्र सिंह तंवर को राजी किया। इसके बाद सरकार की मदद से बंजर जमीन पर पॉली हाउस लगाया। तंवर ने यह भी कहा कि अगर किसान सरकारी योजनाओं का लाभ लेते हुए आधुनिक तकनीक से खेती करें तो निश्चित रूप से खेती भी एक औद्योगिक इकाई के समान हैं। इस तकनीक से अच्छा उत्पादन करके स्वयं को सक्षम बना सकते हैं।
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