नई दिल्ली। केंद्र सरकार इस साल आम परंपरा से हटकर एक महीने पहले ही बजट
पेश करने वाली है। बजट पेश करने की तारीख को पहले करने की वजह बताते हुए
पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि इससे इकॉनमी पर सकारात्मक प्रभाव
होगा। उन्होंने कहा कि पहले बजट पेश किए जाने से योजनाओं के लिए फाइनैंशल
ईयर की शुरूआत में ही राशि उपलब्ध हो सकेगी। इस साल 1 फरवरी को ही बजट पेश
किए जाने की योजना है।
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नीति आयोग के सदस्यों और कई अन्य प्रमुख अर्थशाçस्त्रयों के साथ आर्थिक
नीतियां-आगे का रास्ता विषय पर आयोजित बैठक में मोदी ने कहा कि बजट चक्र
में बदलाव का वास्तविक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट पेश करने की तारीख को आगे किया गया है ताकि नए
वित्त वर्ष की शुरूआत में ही खर्च के लिए अधिकृत पूंजी उपलब्ध हो सके।
सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 का बजट एक फरवरी को पेश करने का प्रस्ताव किया
है। आमतौर पर बजट फरवरी महीने की आखिरी तारीख को किया जाता है। अगले वित्त
वर्ष के लिए अलग से रेल बजट भी नहीं पेश किया जाएगा। सरकार ने रेल बजट को
आम बजट में मिलाने का फैसला किया है।
मौजूदा बजट कैलेंडर पर मोदी ने कहा कि खर्च के लिए मंजूरी मानसून के आगमन
पर मिलती है, जिससे सरकार के कार्यक्रम सामान्य तौर पर उत्पादक मानसून
पूर्व के महीनों में निष्क्रिय रहते हैं।
मोदी ने अर्थशास्त्रयों से आगामी
बजट में रोजगार सृजन, कृषि, कौशल विकास तथा शिक्षा पर उनके विचार मांगे।
मोदी ने आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बढाने के लिए युवाओं की ताकत को जोडने पर
जोर दिया।
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