नई दिल्ली। बॉलीवुड के मशहूर गीतकार और शायर जावेद अख्तर ने कहा है कि समान कानून संहिता पर देशव्यापी बहस होनी चाहिए और संविधान को आधार बनाकर निर्णय लिया जाना चाहिए। और, जो संविधान के विरुद्ध है उसे खारिज कर दिया जाए। जावेद अख्तर ने न्यूज चैनल ‘आजतक’ द्वारा आयोजित साहित्य महाकुंभ के उद्घाटन सत्र में शिरकत करते हुए कहा कि वह किसी एक ओर के अतिवाद के साथ बहने के बजाय बीच के रास्ते पर चलना पसंद करते हैं और उन्हें इसकी प्रेरणा महात्मा बुद्ध से मिलती है।
‘दिल चाहता है’ सत्र में बोलते हुए जावेद अख्तर ने कहा कि कविता और शायरी के लिए अगर सयम और शायर का हवाला देना पड़े तो इसका मतलब है कि कविता अधूरी है। कविता एक घटना या समय से प्रेरित तो हो सकती है लेकिन उसे उसी हद में बांधकर देखना गलत है।
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