गुरुग्राम। हरियाणा रोडवेज ने बीते साल 12 प्रतिशत किराया बढ़ा दिया ताकि रोडवेज की रेवेन्यू बढ़ाई जा सके। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। अब इसके पीछे क्या वजह है यह तो रोडवेज के जिम्मेवार अफसर ही बता पाएंगे। आलम यह है कि साल की शुरुआत से रेवेन्यू बढ़ने के बजाय घटती जा रही है। फिलहाल गुड़गांव डिपो 18 लाख रुपये के नुकसान पर है। [@ Breaking News : अब घर बैठे पाए Free JIO sim होम डिलीवरी जानने के लिए यहाँ क्लिक करे]
रोडवेज में 8 ट्रेड यूनियनें चल रही हैं। एक यूनियन लीडर से मिली रिपोर्ट के मुताबिक, 1 जनवरी से 8 जनवरी तक रोडवेज के पास 1 करोड़ 38 लाख रुपये की रेवेन्यू आई। जबकि 1 फरवरी से 8 फरवरी तक रोडवेज के पास 1 करोड़ 20 लाख रुपये कि रेवेन्यू ही आई है। ऐसे में गुड़गांव डिपो 18 लाख रुपये के नुकसान पर है।
इस बाबत जीएम जयदीप कुमार से बात की गई है। उन्होंने कहा कि "जब प्राइवेट ट्रांसपोर्ट फेल हो जाती है तब सरकारी सर्विस पैसेंजर को उपलब्ध कराना रोडवेज की जिम्मेवारी है, मोटर व्हीकल एक्ट में यह लिखा है`, लाभ और नुकसान के लिए रोडवेज काम नहीं करती है``। जब उनसे यह पूछा गया कि अगर रेवेन्यू लॉश हो तब भी सुधार की दिशा में प्रयास नहीं किया जाना चाहिए तो उन्होंने जवाब देने के बजाय बात को गोलमोल घुमा दिया। इस बाबत डीसी हरदीप सिंह से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई। जब 3:17 बजे एडीसी विनय प्रतास सिंह के ऑफिस के नंबर पर कॉल किया गया तो मीटिंग में होने की वजह से उनसे भी बात नहीं हो पाई। एक एचसीएस अफसर सह रोडवेज के पूर्व जीएम का कहना है कि अगर लॉश प्रोफिट की बात नहीं है तो राज्य सरकार मासिक रिपोर्ट क्यों मांगती है ?
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