करनाल। पतियों की दीर्घायु के लिए रखे जाने वाले व्रत करवा चौथ को करनाल के तीन
गांव की चौहान गोत्र की महिलाएं सदियों से नहीं मनाती आ रही हैं। उनका
मानना है कि जो सुहागिन इस व्रत को रखेगी उसका सुहाग उजड़ जाएगा। करीब 600
साल पहले पति के साथ सती हुई सुहागिन के श्राप का खौफ गोंदर, कतलाहेड़ी व
औंगद गांव में आज भी है। हालांकि तीनों गांवों में अन्य बिरादरी की
सुहागिनें इस पर्व को मनाती हैं।
गांव की बेटियां भी अपने ससुराल में जाकर
पति की लंबी आयु की कामना के लिए करवाचौथ का व्रत रखती हैं। बता दें कि
गोंदर गांव के ही बुजुर्ग ने औंगद बसाया, इसके बाद सन 1823 में कतलाहेड़ी
गांव अस्तित्व में आया। परंपरा तीनों गांवों में वही है। तीनों गांवों में
पाया गया कि करीब 700 साल पहले करवाचौथ के ही दिन गोंदर गांव में हुई एक
घटना ने इस त्योहार के मायने ही बदल दिए हैं।
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