चंडीगढ़। जाट आरक्षण आंदोलन को लेकर सरकार की एक ओर सख्ती बढ़ती जा रही है वहीं दूसरी ओर धरनास्थलों पर आंदोलनकारियों की संख्या में भी ईजाफा हो रहा है। वहीं शुक्रवार को रोहतक के जसिया में 19 फरवरी के बलिदान दिवस के बारें में चर्चा की जाएगी। यशपाल मलिक के अनुसार बैठक में हर धरने से दो-दो प्रतिनिधि पहुंचेंगे। [# हम लिखते हैं दोनों हाथ से, दायां हो या बायां] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
बैठक व बलिदान के चलते सीआईडी ने अलर्ट भी जारी कर दिया है। वहीं कानून व्यवस्था के चलते केन्द्र से प्रदेश सरकार को अर्धसैनिक बलों की 28 ओर कंपनियां मिल गई है। इसमें से सबसे अधिक कंपनियां रोहतक में तैनात की गई है। जानकारी के अनुसार सात कंपनियों को रोहतक में रखा गया है।
जाट समेत 6 जातियों को दिए गए आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में डालने की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है। हिंसा में मारे गए लोगों के आश्रितों को 10 लाख मुआवजा व नौकरी देने को सरकार तैयार है। अब तक 1500 मुकदमे वापस लिए हैं और 622 बाकी हैं। यह बात गुरुवार को कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कही।
वे गुडग़ांव में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। धनखड़ ने कहा कि सीएम मनोहर लाल ने धरने वाले प्रदेश के 10 संवेदनशील जिलों (झज्जर, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, हिसार, सिरसा, जींद, सोनीपत, कैथल, पानीपत) के भाजपा कार्यकर्ताओं और मंत्रियों के साथ बैठक की। इसमें जाटों की मांगों व मौजूदा हालात पर चर्चा हुई।
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