कोटा। मूक-बधिर रोगियों की बात समझना अब चिकित्सकों के लिए न मुश्किल होगा न ही असंभव। राज्य सरकार सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों को इन दिव्यांगों से संवाद के गुर सिखाएगी। इसके लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम तैयार किया गया है। इसके तहत प्रदेश के सौ से ज्यादा डॉक्टरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इलाज के दौरान मूक-बधिरों की सहूलियत के लिए यह मुहिम शुरू की गई है। इसके लिए चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने इशारों की भाषा (साइन लैंग्वेज) का प्रशिक्षण देने वाली संस्था से संपर्क किया है। विभाग के निदेशक डॉ. बी.आर. मीणा ने बताया कि मूक-बधिरों के उपचार में आने वाली व्यावहारिक समस्या को देखते हुए चिकित्सा मंत्री कालीचरण सर्राफ ने डॉक्टरों को प्रशिक्षण दिलाने के निर्देश दिए हैं। इससे ऐसे मरीजों के इलाज के दौरान डॉक्टरों को उनकी समस्या समझने में आसानी होगी। साइन लैंग्वेज प्रशिक्षण के लिए संभाग व जिला मुख्यालय के सरकारी चिकित्सालय और 50 से अधिक बेड वाले निजी अस्पताल के एक चिकित्सक को बुलाया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन में लगे स्टेट नोडल ऑफिसर (लेप्रोसी प्रोग्राम) डॉ. रामवतार जायसवाल ने बताया कि अली यावर जंग राष्ट्रीय श्रवण विकलांग संस्थान मुंबई के इंटरप्रेटर जयपुर में आवासीय प्रशिक्षण देंगे। एक माह के इस प्रोग्राम की पूरी रूपरेखा तैयार की जा रही है।
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