आज देवोत्थान एकादशी है यानि पूरे 4 महीने बाद जागे भगवान एक दिन के लिए जागते है। ये बड़ी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है,जो दीपावली के बाद आती है। उसे देवोत्थान एकादशी या देव प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं। आपको बता दें कि इसकी वजह यह है कि भाद्रपद की एकादशी को भगवान विष्णु क्षीर सागर में शयन करने चले जाते हैं और 4 महीने बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन निद्रा से जागते हैं। इसलिए इस दिन को देवोत्थान, देव उठनी या देव प्रबोधिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। भक्तों में ऐसी मान्यता है कि इस दिन चूंकि स्वयं भगवान नारायण निद्रा से जागे थे, इसलिए उपासक को भी इस दिन व्रत रखते हुए रात्रि जागरण करना चाहिए। भगवान नारायण के चार महीने तक शयन की अवधि में लगभग सभी पुण्य कार्य निषिद्ध रहते हैं। लिहाजा शुक्रवार से ही शादी-विवाह, नया कारोबार जैसे मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती गई हैै।
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