पानीपत। हरियाणा बागवानी विभाग की ओर से राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत औषधी खेती को बढ़ावा देने के लिए गांव चमराड़ा में किसान कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के मुख्य अतिथि डीएलबी हर्बस इंडिया लि0 के निदेशक दर्शनलाल बत्रा थे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला उद्यान अधिकारी डॉ0 सुभाष चन्द्र ने की।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए दर्शन लाल बत्रा ने कहा कि आयुर्वेद विश्व की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, जो स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करना और बीमार व्यक्ति को स्वस्थ करके 100 साल की आयु तक स्वस्थ रखने के सिद्धांतों पर आधारित है। आज सारा विश्व बीमारियों का जड़ से ईलाज करने के मामले में आयुर्वेद की ओर निहार रहा है। इसी के दृष्टिगत कुरूक्षेत्र में आयुष विश्वविद्यालय स्थापित करने की सरकार ने घोषणा भी की है।
इसलिए किसानों को परम्परागत खेती के बजाए औषधीय खेती की ओर अधिक ध्यान देना चाहिए। जिससे खेती को जहां लाभकारी व्यवसाय बनाया जा सकेगा, वहीं भारत को जड़ी-बूटियों के मामले में आत्मनिर्भर भी बनाया जा सकेगा और लोगों को सस्ती आयुर्वेदिक दवाईयां उपलब्ध हो सकेंगी और उनकी कम्पनी किसानों को औषधीय खेती की पूरी जानकारी देगी एवं औषधीय खेती की पूरी फसल को लाभकारी मूल्य पर भी खरीदेगी।
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