अभिनेता नवाजुद्दीन का कहना है कि हरामखोर जैसी फिल्मों ने उनके अंदर के कलाकार को जिंदा रखा हैं। उन्होंने इस फिल्म में काम करने के लिए महज एक रुपया मेहनताना लिया है। नवाजुद्दीन ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, मेरे लिए अपने अंदर के कलाकार को जिंदा रखना बेहद जरूरी है। यह आपसे जुदा नहीं होना चाहिए। कभी-कभी ग्लैमर की चकाचौंध में इसकी उपेक्षा कर दी जाती है। हरामखोर जैसी फिल्मों के जरिए मैं अपने अंदर के कलाकार को जिंदा रखता हूं।
नवाजुद्दीन (42) बतौर अभिनेता व्यवसायिक और कला फिल्मों के बीच कोई फर्क नहीं करते हैं। फिल्म रमन राघव 2.0 के अभिनेता कहते हैं कि वह बॉक्स ऑफिस पर फिल्म की कमाई और सफलता के बारे में चिंता नहीं करते हैं और अपने अभिनय पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
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