संयुक्त राष्ट्र। यूनेस्को महानिदेशक ऑड्रे अजोले ने भारतीय अधिकारियों से पत्रकार शुभम मणि त्रिपाठी की हत्या के आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कहा है ताकि 'गनपॉइंट सेंसरशिप' खत्म हो। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने मंगलवार को त्रिपाठी की हत्या की निंदा करते हुए कहा, "मैं अधिकारियों से इस अपराध के अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने का आह्वान करती हूं, जो अन्य अपराधियों को बंदूक की नोक पर सेंसरशिप करने से रोकने के लिए जरूरी है।"
यूनेस्को ने कहा कि कानपुर के हिंदी अखबार कम्पू मेल के संवाददाता त्रिपाठी की 19 जून को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या एक कथित जमीन विवाद की रिपोर्टिग पर की गई जिससे भ्रष्टाचार के कई आरोप जुड़े हैं।
कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) ने बताया कि पुलिस ने हत्या के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
सीपीजे ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इनमें से दो ने त्रिपाठी पर उस वक्त गोली चलाई जब वह अपनी मोटरसाइकिल पर घर लौट रहे थे।
सीपीजे ने कहा कि एक पुलिस प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक ने बताया कि एक 'स्थानीय रियल एस्टेट कारोबारी' ने अवैध निर्माण परियोजना के बारे में त्रिपाठी के लेखों और फेसबुक पोस्ट का बदला लेने के लिए उन्हें जान से मरवा दिया। अधिकारियों द्वारा अब इस निर्माण का विध्वंस किया जा चुका है।
सीपीजे के एशिया प्रोग्राम समन्वयक स्टीवन बटलर ने तीन संदिग्धों की गिरफ्तारी को एक अच्छी शुरुआत कहा, लेकिन साथ ही जोर दिया कि पुलिस को मास्टरमाइंड और मामले में शामिल सभी लोगों को पकड़ना होगा।
उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को यह दिखाना चाहिए कि वे पत्रकारों पर हिंसक हमलों को गंभीरता से ले रहे हैं।
--आईएएनएस
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