बीजिंग । चीन में मार्च में होने वाली दो प्रमुख राजनीतिक हलचलों का आगाज हो चुका है। दुनिया की नजरें इन दो सत्रों पर लगी हुई हैं। पाँच मार्च की सुबह पेइचिंग के ऐतिहासिक जन वृहद भवन में 13वीं एनपीसी का दूसरे पूर्णाधिवेशनशुरू हो गया। जबकि सीपीपीसीसी दो दिन पहले ही शुरू हो चुकी है। चीन में साल की सबसे राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक हलचल यानी दो सत्रों,एनपीसी और सीपीपीसीसी को लेकर मन में हमेशा कौतुहल सा बना रहा। हालांकि भारत और चीन दोनों देशों की राजनीतिक व्यवस्था में अंतर होने के कारण सीधे तुलना तो नहीं की जा सकती। लेकिन एनपीसी को लोकसभा के रूप में देखा जा सकता है। वहीं सीपीपीसीसी को राज्य सभा माना जा सकता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वैसे जन वृहद भवन(ग्रेटहॉल ऑफ बीजिंग) का निर्माण 1959 में हुआ था। एक लाख पचास हजार वर्ग मीटर में फैला यह भवन चीन के चुनिंदा ऐतिहासिक और भव्य भवनों में से एक है। आप इसकी विशालता का अंदाजा लगा सकते हैं कि भवन के अंदर हॉल मेंहजारों प्रतिनिधि व लोग एक साथ बैठ सकते हैं।
मंगलवार को जन वृहद भवन देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए हजारों जन प्रतिनिधियों व मीडिया का हुजूम देखकर लगा कि यह वास्तव में चीन में होने वाला कितना बड़ा पूर्णाधिवेशनहै। जिसकी सटीक कल्पना टीवी या रेडियो आदि के माध्यम से नहीं की जा सकती। भवन के अंदर पहुंचने के बाद बड़े हॉल में कार्यक्रम शुरू हुआ तो देखा कि हमसे कुछ ही मीटर की दूरी पर सामने चीनी राष्ट्रपति शीचिनफिंग, प्रधानमंत्री ली खछ्यांग समेत देश के तमाम नेता और प्रतिनिधि बैठे हैं। इसके पश्चात चीनी प्रधानमंत्री को करीब से सुनने का अवसर भी मिला।
इतना बड़ा कार्यक्रम होने के बाद भी कोने-कोने पर साफ-सफाई व हर चीज के पुख्ता इंतजाम थे। मीडियाकर्मियों व मेहमानों को कोई परेशानी न हो, इसका भी खास ध्यान रखा गया था। यह कहना गलत नहीं होगा कि इतनी बड़ी तादाद में लोगों का सही ढंग से प्रबंध करना कोई आसानकाम नहीं होता। लेकिनचीन हर बड़े कार्यक्रम को शानदार ढंग से आयोजित करता रहा है। साल 2008 का पेइचिंग ओलंपिक हो या क्वांगचो में 2010 में हुए एशियनगेम्स या 2016 में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन। हर किसी आयोजन में चीन ने अपनी छाप छोड़ी है।देश के विकास में चीनी लोगों की प्रतिबद्धता और अनुशासन का भी बड़ा हाथ है।
इस तरह हजारोंप्रतिनिधियों की मौजूदगी में पेइचिंग के केंद्र में हो रहे इस महत्वपूर्ण अधिवेशन के जरिए चीन देश और दुनिया के लोगों को मिलकर एक साथ बढ़ने का संदेश दे रहा है। दुनिया से कह रहा है कि आओ मिलकर साथ चलें।
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