भारत को इस मसले पर अमेरिका का भी साथ मिला है। अमेरिका ने कहा कि अगर चीन
ऐसे ही बाधा बनता रहा, तो जिम्मेदार देशों को कोई और कदम उठाना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि 27 फरवरी को मसूद को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव फ्रांस,
ब्रिटेन और अमेरिका की ओर रखा गया था। पिछली बार वर्ष 2017 में भी चीन ने
यह कहकर मसूद को बचा लिया था कि वह बहुत बीमार है और अब सक्रिय नहीं है और न
ही वह जैश का सरगना है।
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