अंकारा| तुर्की की एक अदालत ने 2016 में तख्तापलट की कोशिश करने वाले पूर्व सैनिकों समेत 32 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, 497 अभियुक्तों के लिए 19वें अंकारा हेवी क्रिमिनल कोर्ट द्वारा बुधवार का फैसला चार साल की सुनवाई के बाद किया गया, इस दौरान 243 सुनवाई हुई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राष्ट्रपति गार्ड सहित अभियुक्तों पर अंकारा में सैन्य मुख्यालय को कब्जा करने का प्रयास करने और समाचार चैनल टीआरटी पर छापा मारने का आरोप लगाया गया था, जिसके समाचार एंकर को तख्ता-पलट के लिए एक बयान पढ़ने के लिए मजबूर किया गया था।
लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने 32 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जिनमें छह को बिना पैरोल, एक व्यक्ति को 61 साल की जेल और 106 दोषियों को छह से 16 साल तक की सजा हुई।
बाकी को या तो बरी कर दिया गया या जेल की कोई शर्त नहीं दी गई।
कुल 104 पहले से ही सलाखों के पीछे हैं जबकि 11 अनुपस्थित की वजह से ट्रायल चल रहा है।
अंकारा ने असफल तख्तापलट के लिए अमेरिका के इस्लामिक धर्मगुरु फेथुल्लाह गुलेन को दोषी ठहराया और उनके आंदोलन को आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया।
जबकि, मौलवी आरोपों से इनकार किया है।
तुर्की में हजारों लोगों को गिरफ्तार किया था और असफल तख्तापलट के बाद से सार्वजनिक सेवा से 1,00,000 से अधिक लोगों को हटा दिया गया। उनमें से 21,000 सशस्त्र बलों के जवान थे।
तख्तापलट की कोशिश करने को लेकर कुल 289 सुनवाई में से 14 अभी भी ट्रायल चल रहा है।
--आईएएनएस
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