कोलकाता । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पाया है कि पश्चिम बंगाल में पशु तस्करी के मामले में तीन लोगों द्वारा चलाई जा रही तीन शेल कंपनियों का इस्तेमाल अपराध की आय को डायवर्ट करने के लिए किया गया है। तस्करी के मामले में जांच के दौरान एजेंसियों के सामने तीन नए नाम -- अब्दुल अजीज, अब्दुल हन्नान और सलीम हुसैन का खुलासा हुआ, जो हॉक मर्के टाइल प्राइवेट लिमिटेड, हॉक इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और ईएम कंस्ट्रक्टर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से शेल कंपनियां चलाते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के तहत रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के रिकॉर्ड के अनुसार, नामित तीनों व्यक्ति इन कंपनियों में निदेशक हैं।
हॉक इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और होक मर्के टाइल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अब्दुल अजीज और अब्दुल हन्नान हैं। दूसरी ओर, ईएम कंस्ट्रक्टर प्राइवेट लिमिटेड के अब्दुल अजीज एक निदेशक हैं, वहीं सलीम हुसैन अतिरिक्त निदेशक हैं।
ईडी के सूत्रों ने कहा कि कॉपोर्रेट पहचान संख्या, रजिस्ट्रेशन संख्या और व्यापार अलग-अलग हैं, इन सभी कंपनियों का एक ही पता है, जो एमके प्वाइंट, 27 बेंटिंक स्ट्रीट, कोलकाता 70001 है। इसमें हॉक मर्के टाइल और हॉक इंडस्ट्रीज के कमरे की संख्या 704 है। वहीं ईएम कंस्ट्रक्टर प्राइवेट लिमिटेड का कमरा नंबर 601 है।
आरओसी रिकॉर्ड के अनुसार, हॉक मर्के टाइल में धातु उत्पादों, टैंकों, जलाशयों और स्टीम जनरेटर का निर्माण होता था। वहीं हॉक इंडस्ट्रीज खाद्य उत्पादों के निर्माण का काम करती थी। इसके अलावा, ईएम कंस्ट्रक्टर मरम्मत का कारोबार करती थी।
केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों को संदेह है कि इन तीनों कंपनियों का व्यापार सिर्फ एक दिखावा है। दरअसल, इन कंपनियों को चलाने का वास्तविक उद्देश्य अवैध व्यापारों से होने वाली आय को डायवर्ट करना है, जिसमें मवेशियों की तस्करी भी शामिल है।
--आईएएनएस
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