हापुड़। दिल्ली,एनसीआर में पटाखों पर बैन के
बाद उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ के पिलखुआ कोतवाली क्षेत्र में थर्ड क्लास
में पड़ने वाली आठ साल की छात्रा ने लेटर लिखकर सुप्रीम कोर्ट से गुहार
लगाई है।छात्रा ने लिखा है पटाखे जो बंद किये है ये बच्चों के साथ गलत हुआ
है। उतना ही नहीं मासूम छात्रा ने सुप्रीम कोर्ट से लेटर के जरिये गुहार लगाई
है कि इस दिवाली पर उनको फुलझड़ी और पटाखे छोड़ने की परमिशन दे दीजिए। क्योंकि
दिवाली तो साल में एक बार आती है और ये दिन बच्चों के लिए बहुत खास होता है।
मासूम बच्ची द्वारा सुप्रीम कोर्ट के लिखा गया ये लेटर शहर में चर्चाओं का
विषय बना हुआ है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अब आप भी सोच रहे होंगे कि सुप्रीम कोर्ट ने तो बिक्री पर
रोक लगाई है जी हां सोच रहे है आप ,लेकिन जब बिक्री पर ही रोक लगा दी तो
मासूम बच्चे पटाखे भी कहा से लाएंगे और जब उनको पटाखे मिलेंगे ही नहीं तो
वे दीवाले पर पटाखे कहां से पटखायेंगे कैसे।
आपको बता दें क़ि दिल्ली,एनसीआर में इस दिवाली पर पटाखे की बिक्री पर
सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने पर पटाखा व्यपारियों को काफी नुकसान है
तो वहीं इससे फैसले से बच्चे भी बहुत दुखी नजर आ रही है चलिए अब हम आपको एक
ऐसी छात्रा से मिलवाते है जिसका एक लेटर शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है
आपको बता दें कि हापुड़ के पिलखुआ के किशनगंज के रहने वाले विकास शर्मा की
बेटी लुभा थर्ड क्लास की छात्रा है और सेंट जूलियस स्कूल में पढ़ती है और जब
उसने न्यूज़ पर सुना कि इस दिवाली पर कोर्ट के आदेश पर पटाखों की बिक्री पर
रोक लगा दी गयी है तो वह बहुत दुखी हुई फिर इसी बात को सोचते हुए मासूम
छात्रा ने सुप्रीम कोर्ट को एक लेटर लिखा। परिजनों का भी
दावा है कि ये लेटर उनकी बेटी ने ही लिखा है और उसमें सुप्रीम कोर्ट से
दिवाली वाले दिन पटाखे छोड़ने की अनुमति मांगी गई है लेकिन मासूम बच्ची की
गुहार सुनी जायेगी या नहीं ये सोचने की बात होगी ।
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