अमरीष मनीष शुक्ला, इलाहाबाद । दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में अपनी टिप्पणी की तो उसका असर संगम नगरी में गूंजा। देश के 13 अखाड़ों को लामबंद करते हुये भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहाकि अब संतों को आगे आना होगा। ताकि दोनों पक्षों के जिम्मेदार लोगों को बैठकर रास्ता निकाला जा सके। नरेंद्र गिरि ने कहाकि सुप्रीम कोर्ट की पूर्व में कही बातो से वह सहमत हैं। सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका पर कोर्ट ने अयोध्या मामले में जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया। ऐसे में मंदिर निर्माण लटक जायेगा। संतों कोर्ट आगे आना होगा और दोनों पक्षों के बीच सहमति से रास्ता निकालना होगा।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी की याचिका पर एक तरह से उनकी याचिका की पोषणयीता को ही नकार दिया था। क्योकि वह अयोध्या मामले में पक्षकार नहीं थे। अयोध्या मामला हाईकोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में खिचना तय माना जा रहा है । ऐसे में अखाड़ा परिषद ने साफ किया है कि जैसा कि कोर्ट भी चाहती है कि आस्था से जुड़े मुद्दे का निर्णय जल्द नहीं हो सकता। यह मुद्दा आपसी बातचीत से सुलझ सकता है। इसके लिए दोनों पक्षों के जिम्मेदार लोगों को बैठकर रास्ता निकालना चाहिये तो अखाड़ा परिषद दोनो पक्षकारों को एक मंच के नीचे लायेगी।
भारतीय अखाड़ा परिषद के संत अब राम मंदिर निर्माण के लिये मध्यस्थता की भूमिका निभायेंगे। गौरतलब है कि सीएम योगी ने भी मंदिर निर्माण मुद्दे पर दोनों पक्षों को बुलावा भेजा है। ऐसे अखाड़ा परिषद भी संतों की टोली के साथ मध्यस्थता की नींव रखना चाहता है।
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