कोटा। मुख्यमंत्री शहरी जन कल्याण शिविर की शुरूआत कहने को तो जनता को राहत पहुंचाने के लिए की गई है, लेकिन ये शिविर प्रशासनिक अधिकारियों के लिए मुसीबत बन गया है। मई की इस चिलचिलाती धूप में शुरू किया गया शहरी जन कल्याणकारी शिविर एक महीने तक चलेगा, लेकिन इन सबके बीच इस शिविर ने एसी ओर कुलर की ठंडी हवा में बैठने वाले अधिकारियों के पसीने बहा दिए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सरकार के आदेश की पालना करने लिए आज से शिविर की तो शुरू हो गए, लेकिन यूआईटी ओर नगर निगम के अधिकारियो की आदत और रवैया यहां भी नहीं बदला।
शिविर के जिम्मेदार अधिकारियों ने जनता की समस्याओ के निस्तारण को दर किनार करते हुए शिविर का मजाक बनाकर रख दिया। जहां एक ओर शहर की जनता इस चिलचिलाती धूप में अपनी समस्याओं के निस्तारण के लिए इधर उधर घूम रही थी, तो वहीं शिविर में मौजूद अधिकारी कुलर की ठंडी हवा में बैठकर वहां मौजूद कर्मचारियों पर हुकुम चला रहे थे। यहां सवाल यह उठता है कि यदि यह अधिकारी फील्ड में जाकर समय पर काम करते तो राज्य सरकार को ऐसे शिवरों को लगाने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
शिविर भले ही आज से शुरू हुआ हो लेकिन इस पहले दिन के शिविर ने राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं की पोल खोल कर रख दी है। ऐसे में अब देखने वाली बात होगी की एक माह तक चलने वाले इस शिविर में क्या जनता की समस्याओं को दूर किया जाएगा या ऐसे ही जिम्मेदार अधिकारी अपने कार्यालयो के साथ शिविर में भी ठंडी हवा का आनन्द लेते रहेंगे।
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