जयपुर । प्रदेश के वन्य जीव अभ्यारण्य सरिस्का में टाइगर एसटी-11 और रणथंभौर में टाइगर टी-28 की मौत के बाद प्रदेश के वन मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने इसका ठीकरा सेंचुरी के आस-पास बसे गांवों पर फोड़ा है।
वन मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने पत्रकारों के सामने इन दोनों टाइगर की मौत पर दुख जताया। लेकिन यह भी कहा कि सेंचुरी के पास बसे गांवों के कारण बाघों के संरक्षण में दिक्कत आ रही है। उन्होंने बताया कि रणथंभौर में बाघों की संख्या 70 से अधिक हो चुकी है,जबकि रणथंभौर की परिधि में सिर्फ 30 से 40 बाघ ही रह सकते है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इसके चलते बड़े बाघ, छोटे बाघों को कई बार घायल कर देते है। वहीं डर के कारण छोटे बाघ आबादी क्षेत्र या आस-पास के गांवों में चले जाते है। उन्होंने बताया कि इसके लिए दीवार बनाने की कार्ययोजना है, जिससे की बाघों का आबादी क्षेत्र में पलायन रोका जा सके है। इसके अलावा बाघ-बाघिन का एक जोड़ा मुकंदरा में भी स्थानांतरित करने की योजना है।
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