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जयपुर। नगर निगम ग्रेटर के नवनियुक्त आयुक्त डॉ. गौरव सैनी ने पदभार ग्रहण करने के दूसरे ही दिन अपनी सक्रियता का परिचय देते हुए मंगलवार को तड़के सात बजे से शहर के फील्ड विजिट पर निकलकर मानसरोवर और सांगानेर जोन के हालात देखे। इस दौरान उन्होंने साफ-सफाई से लेकर नालों की स्थिति, पार्कों की दशा, फायर स्टेशन और बाढ़ नियंत्रण केंद्रों में की जा रही तैयारियों का भी जायजा लिया। मानसून पूर्व इंतजामों को लेकर उन्होंने अधिकारियों को सतर्क और अलर्ट रहने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान आयुक्त के साथ उपायुक्त (स्वास्थ्य) ओम प्रकाश थानवी, अधीक्षण अभियंता नितिन शर्मा, उपायुक्त गैराज करणी सिंह, सांगानेर व मानसरोवर जोन के उपायुक्त समेत अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। दो घंटे से अधिक चले इस निरीक्षण में आयुक्त ने मानसरोवर और सांगानेर क्षेत्राधिकार की सफाई व्यवस्था और प्रगतिरत विकास कार्यों की प्रगति भी जानी।
निरीक्षण की शुरुआत सांगानेर पुलिया से हुई, जहां उन्होंने सीएसआई और एसआई को सड़कों पर जमा कचरे को नियमित रूप से उठवाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जिन स्थानों पर डस्टबिन टूटे हुए हैं, वहां तुरंत मरम्मत या नए डस्टबिन लगाने की व्यवस्था की जाए, ताकि आमजन को असुविधा न हो। इसके बाद आयुक्त सांगानेर स्टेडियम पहुंचे, जहां वर्तमान में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति देखी और कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने पर विशेष जोर दिया। स्टेडियम में मौजूद आम लोगों से सीधा संवाद कर उन्होंने व्यवस्थाओं को लेकर फीडबैक भी लिया।
आयुक्त ने सांगानेर क्षेत्र के विभिन्न पार्कों का निरीक्षण किया और वहां लगे जिम उपकरणों एवं झूलों की स्थिति देखी। उन्होंने टूटे-फूटे उपकरणों को शीघ्र मरम्मत कराने के निर्देश दिए ताकि पार्कों में आने वाले लोगों, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। निरीक्षण के दौरान वे डिग्गी मालपुरा रोड से होते हुए मदरामपुरा कच्ची बस्ती भी पहुंचे। यहां लॉ लाइन एरिया होने के कारण जल निकासी की समस्या को गंभीरता से लिया और अधिकारियों को निर्देशित किया कि बारिश के मौसम से पहले इस समस्या का स्थायी समाधान सुनिश्चित करें।
इसके बाद डॉ. सैनी मानसरोवर के शिप्रा पथ स्थित वेस्ट टू वंडर पार्क तथा डी पार्क पहुंचे। यहां उन्होंने पार्क की सफाई व्यवस्था, पौधों की देखभाल तथा अन्य सुविधाओं की स्थिति का अवलोकन किया। इसके साथ ही उन्होंने मानसरोवर स्थित बाढ़ नियंत्रण केंद्र का भी निरीक्षण किया, जहां उन्होंने जलभराव की शिकायतों से संबंधित रजिस्टरों की जांच की। केंद्र में उपलब्ध मड पंप, मिट्टी के कट्टे, पाइप सहित अन्य आवश्यक उपकरणों की जानकारी ली तथा अधिकारियों से कहा कि मानसून सीजन में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी संसाधन पूरी तरह से तैयार रखें।
निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने बाढ़ नियंत्रण केंद्र के प्रभारी और अधिकारियों से साफ शब्दों में कहा कि किसी भी परिस्थिति में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। यदि कहीं जलभराव की स्थिति उत्पन्न होती है तो उसे शीघ्र समाप्त करने की पूरी तैयारी पहले से सुनिश्चित की जाए। साथ ही आयुक्त ने नागरिकों से भी संवाद किया और नगर निगम की ओर से दी जा रही सुविधाओं पर उनकी प्रतिक्रिया जानी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनता से प्राप्त फीडबैक के आधार पर व्यवस्थाओं में सुधार लाया जाए और इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि मानसून के दौरान किसी भी नागरिक को असुविधा का सामना न करना पड़े।
आयुक्त डॉ. सैनी ने निरीक्षण के अंत में कहा कि मानसून की आहट के साथ ही नगर निगम की जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं और इसलिए सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पूरी सतर्कता के साथ अपनी ड्यूटी निभानी होगी। नालों की समय रहते सफाई, पार्कों की मरम्मत, टूटी सड़कों की ठीकठाक व्यवस्था और जलभराव वाले इलाकों में पुख्ता इंतजाम इस समय प्रशासन की प्राथमिकता हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि निरीक्षण की यह श्रृंखला आगे भी जारी रहेगी और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आयुक्त के इस निरीक्षण दौरे से यह संदेश स्पष्ट हो गया कि नगर निगम ग्रेटर का अमला अब फाइलों से निकलकर सड़कों पर भी सक्रियता दिखाएगा ताकि मानसून के समय जयपुरवासियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
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