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जयपुर। पांच जनवरी को जल जीवन मिशन के टेंडरों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लिए हजारों करोड़ रुपये के कार्यदेशों पर कार्यवाही के मामले में हाई कोर्ट ने सरकार से कार्यवाही की रिपोर्ट मांगी थी |
पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था की ओर से दायर जनहित याचिका पर बहस करते हुए अधिवक्ता पूनम चंद भण्डारी एवं डॉ टी एन शर्मा ने हाईकोर्ट को बताया कि श्री गणपती ट्यूबवेल और श्री श्याम कृपा ट्यूबवेल कम्पनी ने(भारत सरकार के उपक्रम) इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड के फर्जी कम्पलेशन सर्टिफिकेट प्रस्तुत करके जल जीवन मिशन में करीब 900 करोड़ रुपये के टेन्डर प्राप्त कर लिए | इस बारे में इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड ने जल जीवन मिशन के अतिरिक्त मुख्य अभियंता को दो बार पत्र लिखे कि फर्जी दस्तावेजों आधार पर कंपनियों ने 900 करोड रुपए प्राप्त कर लिए हैं मगर राज्य सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की | तब पब्लिक अगैन्स्ट करप्शन संस्था के आजीवन सदस्य एवं अधिवक्ता डॉ टी एन शर्मा ने पुलिस कमिशनर एवं भ्रस्टाचार निरोधक ब्युरो के पुलिस महा निदेशक को बार बार लिखा मगर कोई कार्यवाही नहीं की गई | भंडारी ने बताया कि फर्जीवाडे का यह तो एक उदाहरण है इसी प्रकार के कई फर्जीवाड़े जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी, GA infra, मांगी लाल विश्नोई आदि फर्म ने भी किए है साथ ही कई ऐसी जगह भी है जहा पर बिना काम के ही भुगतान पहले ही कर दिया गया एवं शिकायत होने के बाद बाद में आनन फानन में कार्य किया गया है और कई जगह लोहे के पाइप की जगह प्लास्टिक के पाइप लगा दिए गए है | श्री श्याम ट्यूबवेल के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि पहले थाना बजाज नगर और एसीबी में एफआईआर दर्ज हो चुकी है, तो याचिकाकर्ता को तरफ से न्यायालय को बताया गया कि वो किसी अन्य मामले में दर्ज हुई है l
एसीबी के अतिरिक्त महाधिवक्ता की तरफ से उनके साथी अधिवक्ता ने बताया की अतिरिक्त महाधिवक्ता जी एस गिल अस्पताल में भर्ती हैं इसलिए शपथपत्र पेश नही हो सका l
हाईकोर्ट ने प्रस्तुत किए गए समस्त दस्तावेजों का बारीकी से अवलोकन किया एवं राज्य सरकार की तरफ से उपस्थित अधिवक्ता से पूछा कि आपने इन गंभीर शिकायतों पर क्या कार्यवाही है न्यायालय को बताएं आप पांच जनवरी से मामले को टाल रहे हैं एडिशनल सोलिसिटर जनरल आर डी रस्तोगी ने पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था की याचिका से सहमत होते हुए कहा कि बहुत बड़ा घोटाला है और यह भी कहा की याचिका करता ने एड को पार्टी नहीं बनाया है तो भंडारी ने जवाब देते हुए कहा की एड अलग कार्रवाई कर रही है और एड का जांच का दायरा बहुत सीमित होता है वह सिर्फ मनी लांड्री एक्ट के तहत ही कार्रवाई कर सकती है जबकि इस मामले में फर्जी दस्तावेज बनाए गए हैं और बिना काम किए हुए भुगतान प्राप्त किया है गया है सुनवाई के बाद राजस्थान हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार एवं पुलिस कमिश्नर एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिस महा निदेशक को आदेश दिया कि 4 अप्रैल तक शपथ पत्र प्रस्तुत कर पिछले आदेशों की पालना करे एवं न्यायालय को बताएं कि ऐसे गंभीर मामले में क्या कार्यवाही की गई है।
गणपति ट्यूबवेल और श्री श्याम कृपा ट्यूबवेल कंपनी की ओर से अधिकता कपिल माथुर ने बहस करते हुए बताया कि उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है चालान भी पेश हो चुका है इसलिए यह जनहित याचिका चलने लायक नहीं है भंडारी का कहना था कि पदमचंद जैन और महेश मित्तल जो इन कंपनियों के मालिक है उनको किसी अन्य प्रकरण में रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था वह मामले अलग है और यह मामले अलग है भंडारी ने कहा कि करीब 20000 करोड़ का घोटाला है खंडपीठ के न्यायाधीश पंकज भंडारी व भुवन गोयल ने आदेश दिया कि और केंद्र सरकार व राज्य सरकार को भी आदेश दिया है 4 अप्रैल तक न्यायालय में शपथ पत्र प्रस्तुत करें कि याचिका में जो मामला बताया गया है उसमें सरकार ने क्या कार्रवाई की है। प्रकरण को 4 अप्रैल को न्यायालय में सूचीबद्ध करने के आदेश दिए हैं।
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