जयपुर। राज्य के सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेश पाल गंगवार ने कहा कि सभी पंजीकृत सहकारी सोसायटियों, गैर लाभकारी संगठनों एवं खेलकूद की संस्थाओं की गतिविधियों सहित अन्य सभी प्राथमिक जानकारियां राजसहकार पोर्टल पर अपलोड होंगी। उन्होंने कहा कि इसके लिये पोर्टल पर 1 दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक सभी संस्थाओं को एसएसओ आईडी के माध्यम से सभी रिकार्ड अपलोड करने होंगे। आदेशों की अवहेलना करने वाली संस्थाओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गंगवार सोमवार को यहा शासन सचिवालय में पंजीकृत सोसायटियों के ऑनलाइन करने के संबंध में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम, 2001, राजस्थान सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1958 तथा स्पोर्टस एक्ट के तहत लगभग 2.40 लाख पंजीकृत संस्थाओं के लिये यह अनिवार्य है। जो संस्था 31 दिसम्बर तक अपनी सभी जानकारियां एवं अधिनियम के तहत प्रस्तुत किये जाने वाले रिटर्न ऑनलाइन दाखिल नहीं करेगी उनके विरूद्ध कार्यवाही कर उनका पंजीकरण रद्द करने की कार्यवाही की जायेगी।
उन्होंने कहा कि जिलों के सभी उप रजिस्ट्रार को निर्देशित किया जाये कि उनके जिले में पंजीकृत सभी संस्थाओं की सामान्य जानकारी 30 नवम्बर तक पोर्टल पर अपलोड हो जाये। उन्होंने कहा कि सभी संस्थाओं द्वारा किये जा रहे कार्यों की बेहतर मोनिटरिंग करने तथा आमजन को इन संस्थाओं के द्वारा किये जाने वाले नियम विरूद्ध कार्यों से बचाने के उद्देश्य से सभी संस्थाओं के विवरण एवं एक्टिविटीज को ऑनलाइन करने का निर्णय किया गया है।
प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि दैनिक कार्य व्यवहार में बढ़ते तकनीक के प्रयोग को देखते हुये संस्थाओं के सभी मेंडेटरी रिटर्न को ऑनलाइन दाखिल करवाया जायेगा। उन्होंने कहा कि संस्थाओं में पारदर्शिता स्थापित करने के लिये 1 दिसम्बर से नई एप्लीकेशन के माध्यम से सोसायटियों से संबंधित सभी सूचनाओं को संशोधित करने की सुविधा प्रारम्भ कर दी जायेगी। सोसायटियों द्वारा 31 दिसम्बर तक जानकारियां अपलोड करने के पश्चात् 1 से 15 जनवरी तक उप रजिस्ट्रार के स्तर पर सूचनाओं का सत्यापन कर उसे लाॅक करेंगे जो पब्लिक डोमेन में उपलब्ध होगी।
गंगवार ने कहा कि इस प्रक्रिया से सोसायटियों की प्रभावी मोनिटरिंग, उनकी स्थिति, आय-व्यय का ब्यौरा, ऑडिट, योजनाओं का विवरण, निर्वाचन की स्थिति, प्रबंधकार्यकारिणी, पता आदि जानकारियां कोई भी व्यक्ति देख सकता है। वहीं विभाग के स्तर से भी ऑनलाइन मॉनिटरिंग के द्वारा सोसायटियों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता स्थापित करने में मदद मिलेगी। बैठक में विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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