जयपुर। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर द्वारा मुंबई के सहयाद्री राजकीय अतिथि गृह में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में लोक कलाओं और शास्त्रीय शैलियों के अनूठे फ्यूजन से कला रसिक सराबोर हुए। इस कार्यक्रम में राजस्थान और महाराष्ट्र के लोक कलाकारों ने अपनी कला की प्रस्तुती से श्रोताओं को मन्त्रमुग्ध कर दिया। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र तथा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित अनेक कलाप्रेमी उपस्थित थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सहयाद्री सभागार में मंगलवार रात आयोजित इस सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत राजस्थानी माण्ड गायन ‘‘पधारो म्हारे देस’’ की विश्वविख्यात अनूठी गायन शैली की सुमधुर स्वर लहरियो से हुई। लोक वाद्य कमायचा, सिन्धी सारंगी, खड़ताल और ढोलक के अनूठे सम्मिश्रण से सरदार खां लंगा व साथी कलाकारों ने अपनी ठेठ देसी गायकी से दर्शकों को दांतो तले अंगुली दबाने पर मजबूर कर दिया। कलाकारों ने अपने वादन और गायन के सुरीले और लयबद्ध तारतम्य से समा बांध दिया। इसके बाद चारू दत्त फड़के व उनके साथियों ने मांगणियार कलाकार के साथ शास्त्रीय वाद्य बांसुरी व सितार और लोक वाद्य मोरचंग की जुगलबंदी प्रस्तुत ने दर्शकों वाहवाही लूटी। मोरचंगवादक कलाकार ने तबले की लयकारी के साथ अपने वाद्य यंत्र का प्रयोग उत्कृष्टता से किया।
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