-हाईकोर्ट की मंशा गाईड लाईंस की सख्ती से हो पालना
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जयपुर। राज्य में अब कोचिंग संस्थानों को केंद्र सरकार की गाईड लाईंस के अनुसार संचालित किया जाएगा। केंद्र सरकार ने पूरे देश में कोचिंग संचालन और इनमें पढने वाले छात्रों के हितों की सुरक्षा के लिए गाईड लाईंस बनाई हैं और राजस्थान सरकार ने इन गाईड लाईंस को 28 फरवरी,2024 के आदेश से अपना लिया है।
मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव और न्यायाधीश भुवन गोयल की कोर्ट पिछले दिनों कोटा में कोचिंग छात्रों के आत्महत्या के मामले में स्व:प्रेरणा से दर्ज जनहित याचिका की सुनवाई कर रही थी ।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अदालती दखल और समय-समय पर दिए गए निर्देशों के बावजूद कोटा में कोचिंग छात्रों की आत्महत्या रुक नहीं रही हैं। कोर्ट ने टाटा इंस्टीटयूट आॅफ सोशल साईंसेज से स्टडी भी करवाई है। राज्य सरकार भी कोचिंग सेंटर को रेग्यूलेट करने के लिए बिल लाई थी लेकिन,यह बिल पास ही नहीं हो सका। इस पर कोर्ट ने इस बिल के ड्राफ्ट को ही गाईड लाईंस के तौर पर लागू करके पालना करने और इसके लिए जरुरी कमेटियों का गठन करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट कोटा में कोचिंग करने वाले छात्रों की मानसिक स्वास्थय की जांच को कह चुका है।
केंद्र सरकार की ओर से एएसजी राजदीपक रस्तौगी ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार सभी संबंधित पक्षकारों से विचार विमर्श के बाद कोचिंग संस्थानों के रेग्यूलेेशन के लिए गाईड लाईंस बनाकर सभी राज्यों को 16 जनवरी को ही भेज दी हैं ।
गाईड लाईंस के अनुसार सभी कोचिंग संस्थानों को रजिस्ट्र्ेशन करवाना जरुरी होगा और गाईड लाईंस के अनुसार की सेंटर चलेगें। गाईड लाईंस की पालना नहीं होने पर पेनल्टी का भी प्रावधान किया है।
महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने 28 फरवरी,2024 के आदेश से यह गाईड लाईंस अपना ली हैं और कोटा सहित सभी जिलों के कलेक्टर को पालना के निर्देश दे दिए हैं। गाईड लाईंस के तहत कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन जरुरी है इसके बाद ही संबंधित अधिकारी छात्रों की कांउसलिंग और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी निर्देशों की पालना करवाई जाएगी। लेकिन गाईड लाईंस की पालना में अभी थोडा समय लगेगा क्यों कि इसके लिए आवश्यक ढांचा बनाया जाना है। इसके लिए सरकार को छह सप्ताह का समय दिया जाए।
न्याय मित्र एडवोकेट सुधीर गप्ता ने कोर्ट को कहा कि पूर्व में अदालती निर्देशों की पालना के बेहतर नतीजे नहीं मिले हैं। इसलिए जरुरी है कि अब गाईड लाईंस की सख्ती से पालना करवाई जाए।
कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने जो गाईड लाईंस दी हैं उनमें कोचिंग सेंटर के रेग्यूलेशन के लिए कोई प्रावधान नहीं है बल्कि,छात्रों की काउंसलिंग पर ही विशेष जोर दिया है। इस पर एएसजी ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार की गाईड लाईंस काउंसलिंग को शामिल किया है। इस पर कोर्ट ने कहा है कि आयोग की गाईड लाईंस के लिए अलग से कोई आदेश देने की जरुरत नहीं है।
कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई 18 जुलाई को रखते हुए एएसजी राजदीपक रस्तौगी और महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद से आगे भी इस मामले की सुनवाई में उपस्थित रहने का आग्रह किया है।
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