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नरेंद्र मोदी सरकार के 11 साल : प्रगति, चुनौतियां और भविष्य की दिशा

11 years of Narendra Modi government: progress, challenges and future direction - Jaipur News in Hindi

गातार तीन बार प्रधानमंत्री बनकर नरेन्द्र मोदी ने अपने पूर्ववर्ती डॉ मनमोहन सिंह का रिकॉर्ड तोड़ दिया है वे लगातार दो बार प्रधानमंत्री बने और दस साल इस पद पर रहे। नरेंद्र मोदी को अपने अभी तक के ग्यारह साल के कार्यकाल में अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा आपदा में संभावना खोजने का अवसर भी उन्हें मिला कोरोना की महामारी से मुकाबला कर वेक्सीन के माध्यम से करोड़ों लोगों की जीवन रक्षा का सौभाग्य मिला वही आपरेशन सिंदूर के जरिए भारत माता का गौरव दुनियां में बढ़ाने के कार्य किया साथ ही किसान आंदोलन के कारण किसान के लिए लाया गया प्रस्ताव भी वापस लेना पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को भारत के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी और अब उनके नेतृत्व में केंद्र सरकार ने 11 साल पूरे कर लिए हैं। इन 11 वर्षों में भारत ने आर्थिक, सामाजिक, तकनीकी और वैश्विक मंच पर कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। भारतीय जनता पार्टी इन वर्षों को 'अमृतकाल' के रूप में परिभाषित करती है, जबकि विपक्षी दल, विशेषकर कांग्रेस, इसे 'अघोषित आपातकाल' करार देते हुए कई नीतियों और निर्णयों पर सवाल उठाते हैं। इस लेख में हम मोदी सरकार के 11 साल के कार्यकाल की प्रमुख उपलब्धियों, चुनौतियों और आलोचनाओं का विश्लेषण करेंगे, साथ ही भविष्य की दिशा पर भी नजर डालेंगे।
आर्थिक सुधार: विकास की नई गतिमोदी सरकार के कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था ने कई बड़े बदलाव देखे। 2014 से 2025 तक भारत की जीडीपी में लगभग 40% की वृद्धि दर्ज की गई, जिसने भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शुमार किया। सरकार ने 'मेक इन इंडिया', 'आत्मनिर्भर भारत' और 'डिजिटल इंडिया' जैसे अभियानों के जरिए आर्थिक विकास को गति दी। मेक इन इंडिया ने विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा दिया, जिससे भारत में निवेश और रोजगार के अवसर बढ़े।
प्रमुख आर्थिक उपलब्धियां:
जीएसटी लागू करना: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को 2017 में लागू किया गया, जिसने भारत को 'एक देश, एक कर' की अवधारणा के तहत एकीकृत बाजार में बदल दिया। हालांकि शुरुआती दौर में इसे लागू करने में चुनौतियां आईं, लेकिन अब यह कर प्रणाली अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन चुकी है।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई): भारत में एफडीआई की मात्रा 2014 के बाद दोगुनी से अधिक हो गई। सरकार ने रक्षा, बीमा और रेलवे जैसे क्षेत्रों में (एफडीआई) की सीमा बढ़ाई, जिससे वैश्विक निवेशकों का भरोसा बढ़ा।
आयुष्मान भारत योजनाः दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 50 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की गईं, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग को राहत मिली।
गरीबी उन्मूलन: सरकार का दावा है कि पिछले 11 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है, जो अगले पांच वर्षों तक जारी रहेगा। हालांकि, आलोचकों का कहना है कि बेरोजगारी और महंगाई जैसी समस्याएं अभी भी बरकरार हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि सरकार की नीतियां गरीबों और दलितों के खिलाफ हैं, क्योंकि 30 लाख सरकारी नौकरियां खाली पड़ी हैं।
इंफ्रास्ट्रक्चर आधुनिक भारत की नींवः मोदी सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया है। सड़क, रेल, हवाई अड्डे और बंदरगाहों के आधुनिकीकरण ने भारत को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दी है।
मोदी सरकार की प्रमुख उपलब्धियां:
रेलवे का कायाकल्प: वंदे भारत, नमो भारत और अमृत भारत जैसी नई पीढ़ी की ट्रेनों ने रेलवे को आधुनिक और तेज बनाया है। रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास और हाई-स्पीड रेल परियोजनाएं भी शुरू की गई हैं।
सड़क और हवाई संपर्क: राष्ट्रीय राजमार्गों का नेटवर्क दोगुना हो गया है, और नए हवाई अड्डों के निर्माण ने हवाई यात्रा को और सुलभ बनाया है।
स्मार्ट सिटी मिशन: 100 से अधिक शहरों में स्मार्ट सिटी परियोजनाओं ने शहरी जीवन को बेहतर बनाया। 2025 में गुजरात के गांधीनगर में आयोजित शहरी विकास वर्ष समारोह में मोदी ने इसकी उपलब्धियों को रेखांकित किया।
नवीकरणीय ऊर्जा: भारत ने सौर और पवन ऊर्जा में निवेश बढ़ाया, जिससे 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
सामाजिक सुधार: समावेशी विकास का दावामोदी सरकार ने सामाजिक समावेशन पर जोर देते हुए कई योजनाएं शुरू कीं। स्वच्छ भारत अभियान ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता को बढ़ावा दिया, जिसके तहत 12 करोड़ से अधिक शौचालय बनाए गए। उज्ज्वला योजना ने 10 करोड़ से अधिक परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन प्रदान किए, जिससे महिलाओं के जीवन में सुधार हुआ।
महिलाओं और युवाओं के लिए कदम:
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ: इस अभियान ने लिंगानुपात में सुधार किया और बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा दिया।
स्किल इंडिया: युवाओं को रोजगार के लिए प्रशिक्षित करने के लिए स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू किए गए। हालांकि, विपक्ष का आरोप है कि सामाजिक योजनाओं का लाभ सभी तक नहीं पहुंचा। खड़गे ने दावा किया कि आदिवासियों और दलितों के लिए सरकारी नौकरियां कम की गई हैं, जिससे सामाजिक असमानता बढ़ी है।
विदेश नीति: वैश्विक मंच पर भारत की मजबूत उपस्थितिमोदी सरकार की विदेश नीति को वैश्विक स्तर पर सराहा गया है। भारत ने अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ जैसे देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया। क्वाड और जी 20 जैसे मंचों पर भारत की भूमिका को व्यापक रूप से स्वीकार किया गया।
मोदी सरकार के प्रमुख कदम:
पड़ोस प्रथम नीति: दक्षिण एशिया में भारत ने अपनी स्थिति को मजबूत किया, हालांकि पाकिस्तान और चीन के साथ संबंध तनावपूर्ण रहे।
ऑपरेशन सिंदूर: हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसे मोदी ने 'नया सामान्य' करार दिया। इसने भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को रेखांकित किया।
वैश्विक नेतृत्व: WAVES 2025 जैसे आयोजनों ने भारत को वैश्विक सांस्कृतिक और आर्थिक मंच पर स्थापित किया।
चुनौतियां और आलोचनाएं :
मोदी सरकार की उपलब्धियों के बावजूद, कई क्षेत्रों में आलोचनाएं भी सामने आई हैं। कांग्रेस ने सरकार पर 'अघोषित आपातकाल' का आरोप लगाया, जिसमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और संस्थानों की स्वायत्तता पर सवाल उठाए गए।
प्रमुख आलोचनाएं:
आर्थिक असमानता: विपक्ष का दावा है कि सरकार की नीतियां कॉरपोरेट्स के पक्ष में हैं, जिससे अमीर-गरीब के बीच खाई बढ़ी है।
बेरोजगारी: राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ( एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, बेरोजगारी दर 2024 में 7.8% तक पहुंच गई, जो युवाओं के लिए चिंता का विषय है।
पहलगाम हमला: हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने सरकार की सुरक्षा नीतियों पर सवाल उठाए। खड़गे ने दावा किया कि सरकार को हमले की पूर्व सूचना थी, फिर भी इसे रोकने में नाकाम रही।
पाकिस्तान के साथ तनाव और ऑपरेशन सिंदूरः पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए, ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को और तनावपूर्ण बना दिया। जवाब में भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। मोदी ने इसे भारत की आतंकवाद के खिलाफ नई नीति बताया और कहा कि 'पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते। 'पाकिस्तान ने इन हमलों की निंदा की और इसे 'उकसावेपूर्ण' करार दिया, लेकिन भारत ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी कार्रवाई केवल रुकी है, खत्म नहीं हुई।
भविष्य की दिशाः मोदी सरकार ने 2047 तक 'विकसित भारत' का लक्ष्य रखा है। इसके लिए डिजिटल अर्थव्यवस्था, हरित ऊर्जा और तकनीकी नवाचार पर जोर दिया जा रहा है। सरकार का दावा है कि अगले पांच वर्षों में भारत वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में उभरेगा। हालांकि, सामाजिक समावेशन, बेरोजगारी और क्षेत्रीय असंतुलन जैसे मुद्दों को हल करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगा।

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