बाड़मेर। पश्चिमी राजस्थान में गर्मी बढ़ते ही आंखों की बीमारियां भी पैर पसारने लगी हैं।ज्यादातर आंखों में एलर्जी के मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि गर्मी में आंखों की सेहत का ध्यान रखा जाए। जिला अस्पताल के आईओपीडी में पहुंचने वाले हर दस मरीजों में से तीन मरीज आखों की बीमारी टेरेजियम से पीडि़त हैं।
चिलचिलाती गर्मी ने जहां पश्चिमी राजस्थान को तपा दिया है वहीं गर्मी के चलते थार के बाड़मेर में टेरेजियम का टेरर बढ़ गया है। तेज गर्मी और धूल भरी आंधियो के चलते होने वाली इस बीमारी के मरीजो की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। अप्रैल में ही जिले में गर्मी का असर लगातार बढऩे लगा है। तापमान चढ़ता जा रहा है। दोपहर में सूर्य की किरणें चुभने लगी हंै। धूप की तेज किरणों से आंखों को नुकसान हो सकता है। गर्मी में आंखों की कई बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। शरीर का सबसे नाजुक व महत्वपूर्ण अंग आंख होती है। जिला अस्पताल में नेत्र रोग सर्जन डॉ. शक्ति राजगुरु ने बताया कि आंखों की एलर्जी के मरीज अस्पताल पहुंचने लगे हैं।
ओपीडी में पहुंचने वाले हर 10 मरीज में कम से कम 3 मरीज आंखों की एलर्जी के आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि गर्मी के सीजन में सूर्य की तेज किरण के कारण आंखों पर खतरा बना रहता है। ज्यादा लापरवाही से आंख खराब होने की आशंका भी बनी रहती है। क्योंकि इन किरणों से मोतियाबिंद, मैन्यूलर डीजनरेशन, टेरेजियम जैसे नेत्र रोग हो सकते हैं। इसके अलावा वायरल कंजक्टिवाइटिस, एलर्जी भी होती है। इसमें आंखों में जलन, खुजली होने के साथ आंखे लाल रहती हैं। गर्मी में ज्यादा देर पंखे में रहने के कारण ड्राई आई की भी समस्या भी आती है। डॉक्टर शक्ति के मुताबित खुले में ज्यादा देर घूमने वालों की आंख पर खतरा ज्यादा रहता है। बड़ों की अपेक्षा बच्चे ज्यादा देर तक धूप में घूमते-खेलते रहते हैं। उनकी आंखों पर भी असर पड़ता है। इसके लिए लोगों को आंखों को बचाने के लिए उचित उपाय करने चाहिए।
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