चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Punjab Chief Minister Amarinder Singh) ने दक्षिण-पश्चिमी मानसून के दोबारा सक्रिय होने पर रविवार को चिंता व्यक्त की है। मानसून के दोबारा सक्रिय होने से राहत एवं बचाव कार्य प्रभावित हो सकता है और बाढ़ प्रभावित राज्य में स्थिति और बिगड़ सकती है। उन्होंने ट्वीट किया, "बारिश के दोबारा शुरू होने पर सभी प्रभारी मंत्रियों और उपायुक्तों को सतर्क रहने के लिए कहा है।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री के एक प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने रविवार को राहत कार्यो की विस्तृत समीक्षा बैठक बुलाई है। अधिकारियों ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में ज्यादा बारिश नहीं हुई थी और बाढ़ प्रभावित गांवों का पानी कम हो रहा था।
राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि जिला एवं ब्लॉक स्तर की स्वास्थ्य टीमों ने नावों से बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा कर मरीजों को दवाइयां और स्वास्थ्य किटें प्रदान कीं।
उन्होंने कहा कि टीमों को 24 घंटे घनी आबादी वाले गांवों में 24 घंटे रुकने के लिए कहा है, जहां मरीजों को इलाज की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सभी सिविल सर्जनों को पहले ही व्यक्तिगत रूप से स्वास्थ्य शिविरों पर नजर रखकर दवाइयां और सही इलाज सुनिश्चित करने के लिए कहा जा चुका है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) विश्वजीत खन्ना ने कहा कि रबी के मौसम में राज्य सरकार किसानों को निशुल्क उच्च गुणवत्ता के गेंहू के बीज उपलब्ध कराएगी। पंजाब में, मुख्य रूप से रोपड़, आनंदपुर साहिब, जालंधर, कपूरथला और फिरोजपुर जिलों में लगभग 300 गांव सतलज नदी में बाढ़ आने से बुरी तरह प्रभावित हैं। यहां फसल बरबाद हो चुकी है और हजारों ग्रामीणों को छतों पर रात बितानी पड़ रही है।
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