पीड़िता ने बताया कि उसने अपना मेडिकल टैस्ट करवाया और इसकी शिकायत पुलिस को
दे दी है। उसने बताया कि ऐसे व्यक्ति को किसी भी धार्मिक स्थान की सेवा का
कोई अधिकार नहीं है। पीड़िता ने कहा कि धार्मिक स्थान सभी के सांझा स्थान
होते हैं तथा हमारा संविधान भी धार्मिक मतभेद की आज्ञा नहीं देता। पीडि़ता
ने सरकार, जिला प्रशासन, पुलिस से मांग की कि आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
की जाए और उसे चर्च से भी निकाला जाए, ताकि सामाजिक सौहार्द्र को कोई खतरा
पैदा न हो। पीडि़ता ने बताया कि इस घटना के बाद से वह काफी दुखी है और उसे
काफी ठेस पहुंची है। जिसके लिए आरोपी को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाना
चाहिए। उसने बताया कि इस घटना के बाद उसे ऐसा प्रतीत होने लगा है कि वह
भारत में ही रह रही है या फिर यहां भी पाकिस्तान या किसी अन्य फिरकाप्रस्त
देश की निवासी है।
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