धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के आपदा प्रबन्धन प्रकोष्ठ (राजस्व) द्वारा कांगड़ा में आए भूकम्प की 114वीं वर्षगांठ के अवसर पर केन्द्रीय विश्वविद्यालय (हिमाचल प्रदेश) के सहयोग से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 3 व 4 अप्रैल, 2019 को धर्मशाला में किया जाएगा। यह जानकारी अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) मनीषा नन्दा ने दी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि अधिकांश हिमालयी क्षेत्र अति भूकम्प सम्भावित क्षेत्र में आता है तथा इसके मद्देनजर इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य लोगों को आकस्मिक आपदा की स्थिति में जागरूक करना है।
उन्होंने कहा कि पिछले सौ वर्षों के दौरान प्रदेश में अनेक बार भूकम्प आए हैं जिसमें वर्ष 1905 में कांगड़ा में आए 8.0 की तीव्रता वाले भूकम्प में 18,815 लोगों की मृत्यु हुई, 1975 में किन्नौर में 6.7 तीव्रता का भूकम्प दर्ज किया गया जिसमें 60 लोगों ने अपनी जान गंवाई और 1986 में पुनः कांगड़ा जिले के धर्मशाला में 5.7 तीव्रता के भूकम्प दर्ज किया गया। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश में 4.0 की तीव्रता वाले लगभग 250 और 5.0 तीव्रता के लगभग 66 भूकम्प के झटके दर्ज किए गए।
मनीषा नन्दा ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों एवं आमजन में जागरूकता पैदा करने के लिए इस आयोजन के दौरान विभिन्न गतिविधियां जैसे शेक आउट ड्रिल (ड्रॉप, कवर एण्ड होल्ड इवैक्युएशन ड्रिल) जिसके लिए अध्यापकों, शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों को चयनित स्थान एकत्रित किया जाएगा। इस कार्यशाला के दौरान प्रधानाचार्य एवं विभिन्न संस्थानों के शीर्ष अधिकारी भूकम्प के दौरान बचाव के लिए किए जाने वाले कार्यों तथा न किए जाने वाले कार्यों के सम्बन्ध में कांगड़ा में आए भूकम्प के चित्रों आदि के माध्यम से सरकारी व निजी स्कूलों/संस्थानों में प्रदर्शित किया जाएगा। मनीषा नन्दा ने आम लोगों से आग्रह किया कि वह बड़ी संख्या में इस कार्यशाला में भाग लेकर इसे सफल बनाएं।
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