नई दिल्ली। पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे रेस्क्यू अभियान 'ऑपरेशन सिंधु' के तहत शनिवार को 310 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित दिल्ली लाया गया। इससे पहले भी कई चरणों में भारतीयों की वापसी सुनिश्चित की जा चुकी है, और अब तक कुल 827 नागरिकों को युद्धग्रस्त क्षेत्र से निकाला जा चुका है।
विदेश मंत्रालय की पुष्टि
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर इसकी जानकारी साझा करते हुए लिखा : “ईरान से 310 भारतीयों को लेकर एक विमान 21 जून को दिल्ली पहुंचा. इसके साथ ही अब तक 827 भारतीयों को वहां से सुरक्षित निकाला गया है.”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार लगातार ईरान की स्थिति पर नज़र रखे हुए है और दूतावास के ज़रिए हर भारतीय की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।
लौटे नागरिकों की ज़ुबानी जंग के हालात
ईरान से लौटे कई नागरिकों ने वहां की भयावह स्थिति को बयान किया। दिल्ली एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए नदीम अगर नामक एक व्यक्ति ने भावुक होते हुए कहा:
“मैं अपने वतन-ए-अज़ीज़ हिंदुस्तान का शुक्रगुज़ार हूं, जिसने उन हालात में भी हमें सुरक्षित रखा और हमें अपने वतन तक पहुंचाया.”
रियाज़ुल हसन, जो ईरान में एक निजी कंपनी में कार्यरत थे, ने बताया:
“वहां हालात बहुत खराब थे. हम होटल की खिड़कियों से देखते थे कि मिसाइलें आसमान में उड़ रही हैं और उन्हें ज़मीन से गिराया जा रहा है. हर वक्त ऐसा लगता था जैसे कुछ भी हो सकता है.”
एक महिला नागरिक, फ़रज़ाना आब्दी, ने बताया कि : “बहुत डर का माहौल था. लड़ाई चल रही थी. भारतीय दूतावास ने हमारी बहुत मदद की, तभी हम यहां सुरक्षित आ पाए.”
विशेष उड़ानों के ज़रिए छात्रों की वापसी
दो दिन पहले 110 भारतीय छात्रों को विशेष फ्लाइट के ज़रिए भारत वापस लाया गया था। मंत्रालय के मुताबिक, इन छात्रों को पहले ईरान से पड़ोसी देश आर्मीनिया लाया गया और वहां से विशेष विमान द्वारा दिल्ली भेजा गया।
इन छात्रों में मेडिकल, इंजीनियरिंग और धार्मिक अध्ययन कर रहे युवा शामिल थे, जो अपनी पढ़ाई को बीच में छोड़कर भारत लौटने को मजबूर हुए।
क्यों चलाया गया ऑपरेशन सिंधु?
‘ऑपरेशन सिंधु’ नामक यह विशेष अभियान भारत सरकार द्वारा पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष के बीच वहां फंसे भारतीयों की वापसी के लिए चलाया गया है। ईरान और इज़राइल के बीच जारी टकराव और क्षेत्रीय अस्थिरता को देखते हुए भारत ने समय रहते यह निर्णय लिया ताकि जान-माल की हानि से बचा जा सके।
विदेश मंत्रालय के उच्च अधिकारियों के मुताबिक, भारत के तेहरान स्थित दूतावास और कांसुलेट लगातार स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं और हालात के अनुरूप हर घंटे स्थिति की समीक्षा की जा रही है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भारत ने ड्रॉ करवाया टेस्ट : रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर के शतक ने हारने से बचाया
भारत विकास और विरासत के मंत्र पर चल रहा है : प्रधानमंत्री मोदी
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को पाठ्यक्रम में शामिल करने का किया समर्थन
Daily Horoscope