नई दिल्ली। मध्य प्रदेश विधानसभा के 26 मार्च तक स्थगित होने पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली कमलनाथ सरकार ने सोमवार को राहत की सांस ली। भोपाल में विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति
ने कोरोनावायरस के बढ़ते प्रभाव को मुद्दा बनाते हुए विधानसभा सत्र 26
मार्च तक स्थगित करने का फैसला किया। इस फैसले का भाजपा ने पुरजोर विरोध
किया। भाजपा ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। शीर्ष अदालत मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई के लिए तैयार हो गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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-अगर कोई कहता है कि हमारे (कांग्रेस) के पास के पास संख्या नहीं है तो वो अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है। मुझे क्यों फ्लोर टेस्ट देना है? 16 विधायकों (कांग्रेस के बागी विधायकों) को क्या समस्या है? उन्हें आपके सामने आना चाहिए और अपनी राय रखनी चाहिए।
-केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ पर शक्ति परीक्षण से 'भागने' का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि शक्ति परीक्षण से बचने से ही पता चलता है कि राज्य में सरकार अल्पमत में है। केंद्रीय मंत्री तोमर का यह बयान, मध्यप्रदेश विधानसभा के 26 मार्च तक के लिए स्थगित होने के बाद आया है। भाजपा ने सोमवार को शुरू हुए बजट सत्र के पहले दिन ही शक्ति परीक्षण की जोरदार मांग उठाई, मगर अध्यक्ष ने विधानसभा का सत्र ही स्थगित कर दिया। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, "कमल नाथ का कहना है कि वह शक्ति परीक्षण के लिए तैयार हैं, मध्य प्रदेश के विपक्षी नेताओं ने राज्यपाल से शक्ति परीक्षण की मांग की और उन्होंने आदेश भी दिया। फिर भी फ्लोर टेस्ट से भागने से पता चलता है कि कमल नाथ सरकार अल्पमत में है।" मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र 26 मार्च तक स्थगित रहेगा। मंत्री गोविंद सिंह के अनुरोध पर विधानसभा अध्यक्ष ने कोरोना वायरस के खतरे का हवाला देते हुए विधानसभा को दस दिन के लिए स्थगित कर दिया। राज्यपाल की ओर से 16 मार्च को ही शक्ति परीक्षण कराने के आदेश पर मुख्यमंत्री कमल नाथ ने उन्हें लिखे पत्र में इसे अलोकतांत्रिक बताया था। कहा था कि कांग्रेस विधायकों को बंधक बनाए जाने की स्थितियों में शक्ति परीक्षण कराना अलोकतांत्रिक है।
- मध्य प्रदेश में सियासी घमासान के बीच जारी सवाल-जवाब के दौरान मुख्यमंत्री
कमलनाथ सोमवार की रात को राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने राजभवन पहुंच गए
हैं।
बीते दस दिनों से राज्य की सियासत में हलचल मची हुई है।
- मध्य प्रदेश के भाजपा विधायकों को दिल्ली ले जाने की योजना को रद्द कर दिया गया है। विधायक हवाईअड्डे से होटल की ओर लौटने लगे हैं। विधायकों को आमेर ग्रीन नहीं बल्कि अन्य होटल में ठहराने की तैयारी है। भाजपा विधायकों को विधानसभा के सत्र में शामिल करने के लिए रविवार की देर रात को मानेसर से भोपाल लाया गया था, मगर विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक के लिए स्थगित किए जाने पर फिर विधायकों को दिल्ली भेजा जा रहा था।
विधायकों को होटल आमेर ग्रीन से हवाईअड्डे पर लाया गया था, विधायक विमान में बैठने की तैयारी में थे मगर अचानक दिल्ली जाना निरस्त कर दिया गया है। भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री विजय शाह ने कहा, राज्यपाल ने मंगलवार को फ्लोर टेस्ट के लिए पत्र लिखा है, इसलिए दिल्ली जाने के कार्यक्रम को निरस्त किया गया है। वैसे इस बात की उम्मीद कम है कि मुख्यमंत्री द्वारा राज्यपाल के निर्देश पर अमल हो। सूत्रों का कहना है कि भाजपा के विधायकों को अब भोपाल के आमेर ग्रीन में नहीं बल्कि पड़ोसी जिले सीहोर के एक होटल में ठहराया जा सकता है।
- मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक बार फिर
पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट कराने को कहा। उन्होंने कहा है कि 17 मार्च तक
फ्लोर टेस्ट कराएं। फ्लोर टेस्ट नहीं होता है तो यह माना जाएगा कि विधानसभा
में आपको बहुमत प्राप्त नहीं है।
राज्यपाल लालजी टंडन ने सोमवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक बार फिर पत्र
लिखा है और उन्होंने कहा है कि 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराया जाए।
उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा है कि पूर्व में फ्लोर टेस्ट के लिए लिखे
गए पत्र के जवाब में आपकी ओर (मुख्यमंत्री) से जो तर्क दिए गए हैं वह
आधारहीन हैं। लिहाजा 17 मार्च तक फ्लोर टेस्ट कराया जाए।
राज्यपाल
ने 14 मार्च को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से कहा था कि विधानसभा के बजट सत्र
में अभिभाषण के बाद फ्लोर टेस्ट कराया जाए, मगर ऐसा हुआ नहीं। आपकी ओर से
14 मार्च के पत्र का जो जवाब दिया गया है, उसकी भाषा भाव संसदीय मर्यादाओं
के अनुकूल नहीं है। पत्र में आगे लिखा है कि संवैधानिक और
लोकतंत्रीय मान्यताओं का सम्मान करते हुए मंगलवार (17 मार्च) तक मध्य
प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराएं और बहुमत साबित करें, अन्यथा यह
माना जाएगा कि वास्तव में आपको विधानसभा में बहुमत नहीं है।
- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चर्चा की। शाह सोमवार को प्रधानमंत्री के संसद भवन स्थित कार्यालय में उनसे मुलाकात की और गुजरात में राज्यसभा चुनाव के अलावा मध्य प्रदेश के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा की। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और धर्मेंद्र प्रधान दोनों मध्य प्रदेश के घटनाक्रम पर करीबी नजर बनाए हुए हैं और वे अमित शाह के संसद भवन कार्यालय में उनके साथ बैठक भी करेंगे।
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