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रक्त कैंसर के मस्तिष्क में फैलने से गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं !

Spread of blood cancer to the brain can cause serious problems! - Health Tips in Hindi

नई दिल्ली । विश्व ल्यूकेमिया दिवस पर बुधवार को विशेषज्ञों ने कहा है कि, ब्लड कैंसर सेल्स खून के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुंच सकती है। जिससे दृष्टि में धुंधलापन, चेहरे पर असामान्य ऐंठन और सुन्नता सहित गंभीर तंत्रिका संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती है।


बता दें कि विश्व ल्यूकेमिया दिवस हर साल 4 सितंबर को इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।

ल्यूकेमिया ब्लड कैंसर है। इस बीमारी में असामान्य ब्लड सेल्स की तेजी से वृद्धि होती है। यह बीमारी उन सेल्स को प्रभावित करती है, जिनका काम शरीर में रक्त बनाने,ऑक्सीजन ले जाने का कार्य होता है।

ल्यूकेमिया सबसे अधिक 55 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों में होता है, लेकिन यह 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में होने वाला सबसे आम कैंसर भी है।

फोर्टिस अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग निदेशक और प्रमुख डॉ. प्रवीण गुप्ता ने आईएएनएस को बताया, ल्यूकेमिया न्यूरोलॉजिकल लक्षणों के मामले में किसी व्यक्ति को कई तरह से प्रभावित कर सकता है। यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (सीएनएस) पर सीधे आक्रमण करके न्यूरोलॉजिकल लक्षण पैदा कर सकता है।

इसके लक्षणों में सिरदर्द, उल्टी, बुखार, दोहरी दृष्टि या दृश्य धुंधलापन, चेहरे का पेरेस्टेसिया, चेहरे का असामान्य फड़कना, सुन्न होना और हाथों और पैरों में कमजोरी शामिल हो सकते हैं।

गुप्ता ने कहा, इसके अलावा ल्यूकेमिया से संबंधित सूजन मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को बाधित कर सकता है, जिससे न्यूरोलॉजिकल परिणाम खराब हो सकते हैं। जब भी ल्यूकेमिया में सीएनएस प्रभाव होता है, तो यह जटिल समस्या बन जाता है और इसके लिए तत्काल उपचार की आवश्यकता होती है।

हाल ही में प्रकाशित ग्लोबोकैन 2022 रिपोर्ट के अनुसार, ल्यूकेमिया भारत में रक्त कैंसर का सबसे आम प्रकार है और इसके एक साल में 49,883 मामले सामने आए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में इस बीमारी से ग्रसित रोगियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि उन्हें इस बीमारी के दौरान बीमारी से संबंधित इलाज के लिए खून नहीं मिल पाता है।

नई दिल्ली स्थित एम्स के मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट रंजीत कुमार साहू ने आईएएनएस को बताया कि "ल्यूकेमिया का इलाज संभव है। वे मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं - तीव्र और जीर्ण। जीर्ण ल्यूकेमिया के लिए तत्काल उपचार की आवश्यकता नहीं होती है।

जबकि, तीव्र ल्यूकेमिया में तत्काल चिकित्सक के ध्यान की आवश्यकता होती है। वे कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और अन्य चिकित्सा से ठीक हो सकते हैं।

--आईएएनएस

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Tags: blood cancer
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